अहिफेनासव के लाभ, औषधीय प्रयोग, मात्रा एवं दुष्प्रभाव
अहिफेनासव का उपयोग गंभीर अतिसार (दस्त) के उपचार में किया जाता है। यह हैजा में बार बार आने वाले पतले मल की आवृत्ति को कम करने में मदद करता है।
Contents
घटक द्रव्य (संरचना)
घटक द्रव्य | मात्रा |
संशोधित मद्यसार | 400 भाग |
शुद्ध अहिफेन | 16 भाग |
नागरमोथा | 4 भाग |
इन्द्रयव | 4 भाग |
इलायची | 4 भाग |
निर्माण विधि: संशोधित मद्यसार लें और इसमें शुद्ध अहिफेन मिला दें। इस मिश्रण को अच्छी तरह मिलाएं और इसमें बाकी घटकों का चूर्ण मिला दें। अब इस आसव को एक महीने के लिए रख दें। फिर अहिफेनासव तरल को छान लें और खाद्य-श्रेणी की बोतलों में संरक्षित कर लें।
औषधीय क्रिया
अहिफेनासव में निम्नलिखित औषधीय गुण हैं:
- दस्त नाशक
- पीड़ाहर
- आक्षेपनाशक
- शामक
दोष कर्म
अहिफेनासव की मुख्य क्रिया कफ दोष में देखी जाती है। यह वात दोष और पित्त दोष को बढ़ा सकती है। इसलिए, बढ़े हुए वात और पित्त वाले व्यक्तियों को इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
चिकित्सीय संकेत
अहिफेनासव स्वास्थ्य की निम्नलिखित स्थितियों में सहायक है।
- तीव्र दस्त या पतला मल
- हैजा (बार बार आने वाले पतले मल की आवृत्ति को कम करने के लिए)
- पेट में दर्द और ऐंठन
- आंत्रशोथ
- पेचिश (Dysentery)
अहिफेनासव खुराक
औषधीय मात्रा (Dosage)
बच्चे(5 वर्ष की आयु से ऊपर) | 1 से 3 बूँदें |
वयस्क | 3 से 10 बूँदें |
सेवन विधि
दवा लेने का उचित समय (कब लें?) | खाना खाने के तुरंत बाद लें |
दिन में कितनी बार लें? | दो या तीन बार |
अनुपान (किस के साथ लें?) | पानी के साथ |
उपचार की अवधि (कितने समय तक लें) | चिकित्सक की सलाह लें |
सुरक्षा प्रोफाइल
अहिफेनासव का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में किया जाना चाहिए। बिना किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में किया गया उपयोग, विशेष रूप से बच्चों के लिए असुरक्षित हो सकता है।
अहिफेनासव के दुष्प्रभाव
अहिफेनासव के कारण निम्नलिखित दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
- कब्ज (सामान्य)
- मल त्याग करने में कठिनाई (सामान्य)
- मतली (दुर्लभ)
- उल्टी (बहुत दुर्लभ)
नोट: अधिक मात्रा के कारण गंभीर कब्ज हो सकती है।
विपरीत संकेत
अहिफेनासव का उपयोग निम्नलिखित स्थितियों में नहीं करना चाहिए:
- गर्भावस्था और स्तनपान
- कब्ज
सूचना स्रोत (Original Article)
- Ahiphenasava – AYURTIMES.COM