आसव अरिष्ट

अंगूरासव (Angoorasava)

अंगूरासव (Angoorasava) भूख को बढ़ाता है। बल्य गुण के कारण शरीर को ताकत देता है और वीर्य की वृद्धि करता है। यह सुखी खांसी, दमा, शारीरिक दुर्बलता, भूख की कमी, कब्ज, पित्त वृद्धि से होने वाला सिरदर्द, भ्रमि (सिर चकराना), नींद की कमी या अनिद्रा आदि में लाभदायक है।

Contents

घटक द्रव्य एवं निर्माण विधि

अंगूरासव (Angoorasava) में निम्नलिखित घटक द्रव्यों है:

घटक द्रव्यों के नाम मात्रा
मीठे अंगूरों का रस 100 किलोग्राम
शर्करा 50 किलोग्राम
धाय के फूल 5 किलोग्राम
चिकनी सुपारी 250 ग्राम
लौंग 200 ग्राम
जावित्री 200 ग्राम
दालचीनी 200 ग्राम
तेजपात (तेजपत्ता) 200 ग्राम
सोंठ 200 ग्राम
काली मिर्च 200 ग्राम
पिप्पली 200 ग्राम
नागकेशर 200 ग्राम
अकरकरा 200 ग्राम
कमलकन्द 200 ग्राम
कूठ मीठा 200 ग्राम
बबूल की छाल 200 ग्राम

निर्माण विधि

अंगूरासव के सभी शुष्क द्रव्यों को कूट कर यवकूट चूर्ण बना लें। फिर मीठे अंगूरों का रस और शकर मिलकर मर्तबान में डाल दे। 15 दिन के लिए रख दें। फिर पकने के बाद परिक्षण कर लें और छान कर बोतलों में भर कर रख लें। अब अंगूरासव उपयोग करने के लिए तैयार है।

औषधीय कर्म (Medicinal Actions)

अंगूरासव (Angoorasava) में निम्नलिखित औषधीय गुण है:

  • जीवनीय
  • ओजोवर्धक
  • बलवर्धक
  • प्रतिउपचायक – एंटीऑक्सीडेंट
  • पौष्टिक – पोषण करने वाला
  • बल्य – शारीर और मन को ताकत देने वाला
  • दाहहर या दाहप्रशम – जलन कम करे
  • निद्राजनन – नींद लाने वाली
  • मस्तिष्क बल्य – मस्तिष्क को ताकत देने वाला
  • ह्रदय – दिल को ताकत देने वाला
  • कासहर
  • क्षुधावर्धक – भूख बढ़ाने वाला
  • तृषणा निग्रहण
  • सौम्य रेचक – पेट साफ करने वाला
  • शुक्रजनन
  • वीर्यवर्धक

चिकित्सकीय संकेत (Indications)

अंगूरासव (Angoorasava) निम्नलिखित व्याधियों में लाभकारी है:

  1. शारीरिक दुर्बलता
  2. मानसिक अप्रसन्नता
  3. सुखी खांसी
  4. दमा
  5. भूख में कमी
  6. कब्ज
  7. सिरदर्द – पित्त वृद्धि या सिर में जलन और चक्कर के साथ होने वाला सिरदर्द
  8. भ्रमि (सिर चकराना)
  9. अनिद्रा

औषधीय लाभ एवं प्रयोग

अंगूरासव (Angoorasava) एक आयुर्वेदिक टॉनिक जो बल बढ़ाता है और वीर्य की वृद्धि करता है। इसका प्रयोग थकान को कम करने के लिए उत्तम है। इसको सामान्य दुर्बलता, कास, श्वास, क्षय, अग्निमांध, भूख की कमी, विबंध (कब्ज), सिरदर्द, भ्रम (चक्कर) और अनिद्रा आदि के इलाज के लिए प्रयोग में लाया जाता है। यह मन में प्रसन्नता लाता है और क्षीण हुई शारीरिक शक्ति को पुन स्थापित करता है। इसका प्रयोग खांसी में भी किया जाता है। जब रोगी को शारीरिक कमजोरी के कारण सांस लेने में तकलीफ़ तो यह अधिक लाभदायक है।

मात्रा एवं सेवन विधि (Dosage)

अंगूरासव की सामान्य औषधीय मात्रा  व खुराक इस प्रकार है:

औषधीय मात्रा (Dosage)

बच्चे 2.5 से 10 मिलीलीटर
वयस्क 10 से 30 मिलीलीटर

सेवन विधि

अंगूरासव लेने का उचित समय (कब लें?) भोजन ग्रहण करने के पश्चात
दिन में कितनी बार लें? 2 बार – सुबह और शाम
अनुपान (किस के साथ लें?) सामान मात्रा में गुनगुना पानी मिलकर लें
उपचार की अवधि (कितने समय तक लें) कम से कम 12 सप्ताह तक प्रयोग करना चाहिए।

दुष्प्रभाव (Side Effects)

यदि अंगूरासव का प्रयोग व सेवन निर्धारित मात्रा (खुराक) में चिकित्सा पर्यवेक्षक के अंतर्गत किया जाए तो अंगूरासव के कोई दुष्परिणाम नहीं मिलते। अधिक मात्रा में अंगूरासव के साइड इफेक्ट्स की जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।

संदर्भ

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