अर्जुनारिष्ट (Arjunarishta)
अर्जुनारिष्ट (Arjunarishta) ह्रदय से सम्बंधित विकारों के लिए अत्यंत लाभदायक औषधि है। हालांकि यह बिना किसे दोष के विचार किये सभी ह्रदय रोगोयों को दिया जा सकता है। पर यह यह अरिष्ट पित्तप्रधान लक्षणों में अति उत्तम काम करता है। यह रक्त वाहिनियाँ की शिथिलता को दूर करता है और उन मजबूत बनाकर उनकी कमजोरी दूर करता है। यह दिल की पेशियों को ताकत देता है और संकुचन के बल को बढ़ाता है जिस से दिल उत्तम रूप में कार्य कर सम्पूर्ण शरीर में रक्त का संचालन करता है।
अर्जुनारिष्ट फेफड़ों की धमनियाँ तथा शरीर के सभी रक्त वाहिनियाँ की शिथिलता को दूर करता और उन में उत्पन होने वाली सूक्ष्म शोथ और सूजन में हितकारी है। यह ह्रदय से सम्बंधित विकारों जैसे सीने में दर्द, हृड्डेपन, ह्रदय शैथिल्य आदि में लाभ प्रदान करता है।
Contents
घटक द्रव्य एवं निर्माण विधि
घटक द्रव्यों के नाम | मात्रा |
अर्जुन की छाल | 4800 ग्राम |
द्राक्षा | 2400 ग्राम |
महुए के फूल | 960 ग्राम |
जल | 49.152 लीटर |
गुड़ | 4800 ग्राम |
धाय के फूल | 960 ग्राम |
अर्जुनारिष्ट की निर्माण विधि
अर्जुनारिष्ट के घटक और निर्माण करने की विधि इस प्रकार है।
अर्जुनारिष्ट को बनाने के लिए सर्वप्रथम 49.152 लीटर जल में लगभग 4800 ग्राम अर्जुन की छाल, 2400 ग्राम द्राक्षा और लगभग 960 ग्राम महुए के फूल को मोटा मोटा कूटकर काढ़ा बनायें।
जब एक चौथाई जल बाकी रह जाए तो आग से उतार कर छान लें।
ठंडा हो जाने के बाद उस में लगभग 4800 ग्राम गुड़ और 960 ग्राम धाय के फूल मिलाकर बंद मर्तबान में एक महीने के लिए रख दें। एक महीने के बाद इसे छान लें। अर्जुनारिष्ट तैयार है।
पार्थद्यरिष्ट
अर्जुनारिष्ट के योग में यदि गुड़ के साथ लगभग 1200 ग्राम शहद भी मिलाया जाये तो यह पार्थद्यरिष्ट बन जाता है। पार्थद्यरिष्ट और अर्जुनारिष्ट दोनों का प्रयोग दिल के रोगों में किया जाता है।
औषधीय कर्म (Medicinal Actions)
- वेदनास्थापन – पीड़ाहर (दर्द निवारक)
- ह्रदय – दिल को ताकत देने वाला
- हृदयोतेजक
- रक्तभारशामक
- रक्तस्तभ्भन (शोणितस्थापन)
- शोथहर
- कासहर
- श्वासहर
- रसायन
दोष कर्म
दोष कर्म (Dosha Action) | विशेषतः पित शामक |
चिकित्सकीय संकेत (Indications)
- हृदय की निर्बलता या कमजोरी
- ह्रदय रोग (heart diseases)
- उच्च कोलेस्ट्रॉल
- रक्त वाहिनियाँ की शिथिलता
- ह्रदय शैथिल्य
- हृड्डेपन
- सीने में दर्द
मात्रा एवं सेवन विधि (Dosage)
अर्जुनारिष्ट (Arjunarishta) की सामान्य औषधीय मात्रा व खुराक इस प्रकार है:
औषधीय मात्रा (Dosage)
बच्चे | 5 से 10 मिलीलीटर |
वयस्क | 10 से 25 मिलीलीटर |
सेवन विधि
अर्जुनारिष्ट को भोजन ग्रहण करने के पश्चात जल की सामान मात्रा के साथ लें।
दवा लेने का उचित समय (कब लें?) | सुबह और रात्रि भोजन के बाद |
दिन में कितनी बार लें? | 2 बार |
अनुपान (किस के साथ लें?) | बराबर मात्रा गुनगुना पानी मिला कर |
उपचार की अवधि (कितने समय तक लें) | कम से कम 3 महीने और चिकित्सक की सलाह लें |
दुष्प्रभाव (Side Effects)
यदि अर्जुनारिष्ट (Arjunarishta) का प्रयोग व सेवन निर्धारित मात्रा (खुराक) में चिकित्सा पर्यवेक्षक के अंतर्गत किया जाए तो अर्जुनारिष्ट के कोई दुष्परिणाम नहीं मिलते।