आयुर्वेदिक प्रोप्राइटरी मेडिसिन

दिव्य मधुकल्प वटी (Divya Madhukalp Vati)

दिव्य मधुकल्प वटी (Divya Madhukalp Vati) मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए के बेहतरीन औषधि हैं। इसका प्रयोग मुख्य रूप से रक्त में शक्कर की मात्रा को नियंत्रित करने लिए किया जाता हैं। मधुकल्प वटी खून में ग्लूकोज़ की मात्रा कम करने में मदद करती हैं। इसके लगातार सेवन से मधुमेह पर अच्छा नियंत्रण आ जाता है। साथ में रोगियों को मधुमेह के कारण होने वाली अन्य समस्याओं से वी राहत मिलती है।

इसके अलावा दिव्य मधुकल्प वटी बिना किसी दुष्प्रभाव के शरीर की तंत्रिकाओं, ह्रदय, रक्त वाहिकायों, आँखों और गुर्दे संबंधित समस्याओं को दूर क़र के उनकी सुरक्षा करती हैं। इस औषधि में मौजूद जड़ी-बूटियां शरीर का पोषण करने में सहयोगी हैं और इनका कोई भी दुष्प्रभाव नही होता।

Contents

दिव्य मधुकल्प वटी  के मुख्य घटक (Ingredients)

दिव्य मधुकल्प वटी निम्नलिखित घटको का मिश्रण हैं:

घटक द्रव्य मात्रा
करेला  70.3 मिलीग्राम
जामुन (जम्बू)  70.3 मिलीग्राम
कटुकी  70.3 मिलीग्राम
नीम (निम्ब)  70.3 मिलीग्राम
चिरायता  70.3 मिलीग्राम
मेथी  70.3 मिलीग्राम
अतिविषा (अतीस)  35.2 मिलीग्राम
अश्वगंधा  35.2 मिलीग्राम
शुद्ध शिलाजीत  7.8 मिलीग्राम

औषधीय कर्म (Medicinal Actions)

  • मधुमेह नियंत्रक
  • मधुमेहहर
  • रक्त शर्करा नियंत्रक – रक्त शर्करा की वृद्धि को रोकने वाला

लाभ एवं उपयोग :-

दिव्य मधुकल्प वटी में सभी घटकों का मधुमेह पर प्रभाव पड़ता है। प्रत्येक घटक के प्रभाव का प्रदर्शन करने के लिए यहाँ कुछ महत्वपूर्ण लाभ लिखे गये हैं।

मधुमेह

दिव्य मधुकल्प वटी मधुमेह के रोगियो के लिए एक रामबाण औषधि हैं। दिव्य मधुकल्प वटी खून में से ग्लूकोज़ की मात्रा को कम करने में लाभदायक हैं। मधुमेह के रोगियो को इस बीमारी होने वाली समस्याओं जैसे की कमज़ोरी, थकान और तनाव से भी राहत देती हैं।

इस औषधि के नियमित सेवन से रोगियो को लगातार प्यास, वजन का घटना, आँखों की रौशनी का कम होना और त्वचा का संक्रमण से भी छुटकारा मिलता हैं। यह मधुमेह से उत्पन होने वाली सभी समस्याओं को कम करती है व उन को होने से रोकती है।

मधुमेह के कारण होने वाली आँखों और गुर्दे संबंधित समस्याओं में भी यह औषधि बहुत लाभदायक हैं।

कोलेस्ट्रॉल और लिपिड्स को संतुलित करने के लिए

दिव्य मधुकल्प वटी के सभी सक्रिय तत्व कोलेस्ट्रॉल और लिपिड्स को संतुलित करने के लिए  हितकारी है।  जो मधुमेह रोगी उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित है यह उन के लिए वी लाभदायक है।

तांत्रिक तंत्र के लिए

दिव्य मधुकल्प वटी तांत्रिक तंत्र को मजबूत करने में सहायक हैं इसके अलावा यह औषधि हाथो और पैरो के सुन्न होने, जलन और कमजोरी को दूर करती हैं।

इस औषधि में मौजूद अश्वगंधा चिड़चिड़ाहट को कम करने में सहायक हैं और दिमाग को ठंडा और मजबूत बनाये रखती हैं।

दिव्य मधुकल्प वटी immune system यानि प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती हैं।

मात्रा एवं सेवन विधि (Dosage)

दिव्य मधुकल्प वटी की सामान्य खुराक इस प्रकार है:

औषधीय मात्रा (Dosage)

वयस्क 2 गोली

सेवन विधि

दवा लेने का उचित समय (कब लें?) सुबह और शाम खाली पेट या भोजन के आधे घंटे पहले
दिन में कितनी बार लें? 2 से 3 बार
अनुपान (किस के साथ लें?) गुनगुने पानी
उपचार की अवधि (कितने समय तक लें) दीर्घकालिक

दुष्प्रभाव (Side Effects)

यदि दिव्य मधुकल्प वटी (Madhukalp Vati) का प्रयोग व सेवन निर्धारित मात्रा (खुराक) में चिकित्सा पर्यवेक्षक के अंतर्गत किया जाए तो मधुकल्प के कोई दुष्परिणाम नहीं मिलते।

[jetpack_subscription_form title="Subscribe to Ayur Times" subscribe_text="Get notification for new articles in your inbox" subscribe_button="Subscribe Now" show_subscribers_total="0"]

Related Articles

Back to top button