आयुर्वेदिक प्रोप्राइटरी मेडिसिन

दिव्य टोटला क्वाथ

दिव्य टोटला क्वाथ जड़ी-बूटियों का एक ऐसा मिश्रण हैं जो पीलिया और लिवर की बीमारियों के उपचार के लिए लाभदायक हैं। लिवर की बिमारियों के लिए यह औषधि एक प्राकृतिक रामबाण उपचार हैं,जिसका  कोई साइड इफ़ेक्ट नही हैं। इन दिनों जब भी कोई लिवर की बीमारी या पीलिया से पीड़ित होता हैं तो बिभिन तरह की दवाईओं का सेवन करता हैं,जो हमारी सेहत पर बुरा प्रभाब डालती हैं और अधिक मात्रा में इनका प्रयोग करने से हार्ट अटैक, तनाव, मधुमेह और हार्ट का फ़ैल होना जैसी बीमारियां हो सकती हैं,ऐसे में इस आयुर्वेदिक औषधि का प्रयोग करना अच्छा सुझाब है। यह औषधि पाउडर के रूप में हैं,जिसका काढ़ा बना कर पिया जाता हैं।

Contents

दिव्य टोटला क्वाथ के घटक

दिव्य टोटला क्वाथ निम्नलिखित घटको का मिश्रण हैं:-

  1. पुनर्नवा
  2. भूम्यामलकी
  3. आरग्वध
  4. मकोय

लाभ एवं उपयोग

पीलिया में लाभदायक

दिव्य टोटला क्वाथ में मौजूद कुदरती जड़ी-बूटियां पीलिया के लिए एक बेहतरीन औषधि हैं। यह पीलिया में होने वाली समस्याओ जैसे थकावट, तनाव, उलटी और कमजोरी को दूर करने के लिए भी असरकारक हैं।

लिवर के लिए उपयोगी

यह औषधि इम्युनिटी बढाती हैं,जो की लिवर से सम्बंधित रोगों की रोकथाम के लिए सहायक हैं, इसके आलावा यह लिवर की कोशिकाओं के बनने में सहायक है, इसीलिए इसका सेवन करने से पीलिया के रोग से जल्दी राहत मिलती हैं।

पाचन क्रिया में सहायक

दिव्य टोटला क्वाथ पाचन क्रिया में सहायक हैं इसके अलावा यह औषधि लिवर की कोशिकायों का पोषण भी करती हैं।

औषधीय मात्रा निर्धारण एवं व्यवस्था

400 मिलीलीटर पानी में पाँच से दस ग्राम दिव्य टोटला क्वाथ पाउडर डालें और उसे पकाएं, इसे तब तक पकाएं जब तक की यह मिश्रण 100 मिलीलीटर न हो जाये। अब इस मिश्रण को छान लें और इसका सेवन करें। इसका सेवन दिन में दो बार करना चाहिए 1 ) सुबह उठ कर खाली पेट  2 )रात के खाने से एक घंटे पहले इसको पिए। दिव्य टोटला क्वाथ का काढ़ा उसी समय ताज़ा बनाना चाहिए, जिस समय इसका सेवन करना हो।

दुष्प्रभाव

दिव्य टोटला क्वाथ 100 % आयुर्वेदिक औषधि हैं और इसमें प्रयोग होने वाली जड़ी-बूटियां पूरी तरह से हर्बल हैं इसीलिए इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नही हैं। बताई गयी मात्रा में इसका सेवन जितनी लंबी अवधि तक चाहें, कर सकते हैं। फिर भी अगर कोई समस्या हो तो डॉक्टर से अवश्य सलाह लेनी चाहिए।

गर्भबती स्त्रियां या स्तनपान करने वाली माताए भी लिवर से सम्बंधित रोगों या पीलिये की स्तिथि में इसका सेवन कर सकती हैं। जैसा की पहले भी बताया गया हैं की इस औषधि में उपयोग की गयी जड़ी-बूटियां पूरी तरह से प्रकृतिक हैं इसीलिए इसका माता या बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव नही पड़ता।

पूर्वापाय

  1. लिवर से सम्बंधित किसी भी रोग में नमक का अधिक प्रयोग नही करना चाहिए।
  2. अत्यधिक शराब का सेवन या धूम्रपान करने से भी लिवर में समस्या हो सकती हैं।
  3. जितना हो सकते उतना अधिक पानी पिए और तनाव और चिंता से दूर रहे आजकल तनाव और चिंता लिवर की समस्याओ का मुख्य कारण हैं।

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