आयुर्वेदिक प्रोप्राइटरी मेडिसिन

दिव्य उदरकल्प चूर्ण

दिव्य उदरकल्प चूर्ण (Divya Udarkalp Churna) आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का एक ऐसा मिश्रण हैं जो कब्ज के उपचार के लिए एक असरदार और कुदरती तरीका हैं। इसका निर्माण ही कब्ज की रोकथाम के लिए किया गया हैं। इस चूर्ण को सोनामुखी, सौंफ, हरीतकी छोटी और सेंधा नमक जैसे कुदरती घटको को मिला कर बनाया जाता हैं जिसमे सोनामुखी और सौंफ बातहर हैं और पाचन को बढाती हैं, हरीतकी ऊर्जा और पाचन के लिए अच्छा टॉनिक हैं और सेंधा नमक गैस को कम करने और पेट दर्द में सहायक होता हैं। यही वजह हैं की दिव्य उदरकल्प चूर्ण न केवल कब्ज को दूर करता हैं बल्कि गैस, पेट के दर्द, अपच और पेट से संबंधित अन्य रोगों को भी दूर करने और इन रोगों को पूरी तरह से भी ख़त्म करने में भी यह चूर्ण असरदार हैं।

Contents

दिव्य उदरकल्प चूर्ण के घटक

दिव्य उदरकल्प चूर्ण निम्नलिखित घटको को मिल कर बनाया जाता हैं:

घटक द्रव्य मात्रा
सोनामुखी 1.5 ग्राम
सौंफ 0.5 ग्राम
हरीतकी छोटी 1 ग्राम
सेंधा नमक 0.5 ग्राम
सोंठ 0.5 ग्राम
गुलाब फूल 0.5 ग्राम
काला दाना 0.5 ग्राम

लाभ एवं उपयोग

दिव्य उदरकल्प चूर्ण आंतो से सम्बंधित रोगों को दूर करने में सहायक हैं। इसका नियमित रूप से सेवन करने से आंतरिक प्रणाली से गंदगी बाहर निकलती हैं और इससे खाना पूरी तरह से पच जाता हैं।

दिव्य उदरकल्प चूर्ण पेट से सम्बंधित रोगों की रोकथाम के लिए बहुत उपयोगी हैं जैसे पेट में होने वाले दर्द से और पेट की गैस को यह चूर्ण पूरी तरह से ख़त्म करता हैं।

यह चूर्ण पेट की सूजन को कम करता हैं और शरीर के सारे अंगो को ऊर्जा प्रदान करता हैं इसके अलावा यह शरीर की पाचन क्रिया को भी सुचारू बनाये रखता हैं।

दिव्य उदरकल्प चूर्ण कुदरती तरीके से शरीर की प्रणाली की सफाई करता हैं और शरीर के लिए हानिकारक द्रव्यों को बाहर निकालता हैं, वो भी शरीर के बाकि के अंगो को बिना हानि पहुचाये।

दिव्य उदरकल्प चूर्ण पुरानी कब्ज और बबासीर जैसे रोगों के लिए भी बहुत ही उपयोगी औषधि हैं। इसमें मौजूद जड़ी-बूटियां इन रोगों के लिए रामबाण दवा हैं।

यह चूर्ण दस्त,पेट फूलना ,एसिडिटी ,खट्टी डकार जैसी बिमारियों से भी राहत प्रदान करता हैं।

औषधीय मात्रा निर्धारण एवं व्यवस्था

दिव्य उदरकल्प चूर्ण की दो-पाँच ग्राम मात्रा रोजाना लेने की सलाह दी जाती हैं। इसे दिन में एक बार रात को सोते समय लेना चाहिए। इस चूर्ण का सेवन हलके गर्म दूध या पानी किसी के साथ भी लेना बेहतर हैं। इसका सेवन आप कितने भी लंबे समय तक कर सकते हैं क्योंकि इसका कोई दुष्प्रभाव नही होता।

दुष्प्रभाव

यह चूर्ण पूरी तरह हर्बल जड़ी-बूटियों से मिल कर बनाया गया हैं इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नही हैं। इसका प्रयोग कोई भी इन बिमारियों की रोकथाम के लिए कर सकता हैं पर अगर फिर भी कोई समस्या होती हैं तो डॉक्टर की राय लेनी चाहिए। गर्भबती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं भी इसका आसानी से प्रयोग कर सकती हैं, यह किसी भी तरह से शरीर के लिए हानिकारक नही हैं।

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