शिवलिंगी बीज
शिवलिंगी बीज एक आयुर्वेदिक औषधि हैं जिसका घटक सिर्फ एक बीज ही हैं और वो हैं ब्रयोनोप्सिस लेसिनियोसा का बीज जिसे समान्यतया शिवलिंगी कहा जाता हैं। शिवलिंगी बीज का प्रयोग पुरे देश में प्रजनन क्षमता बढ़ाने और स्त्रियों के रोग विकारो को दूर करने के लिए किया जाता हैं,इसका प्रयोग स्वस्थ बच्चे के जन्म के लिए भी किया जाता हैं। इसके अलावा शिवलिंगी बीज लिवर, श्वसन, पाचन तंत्र, गठिया, चयापचय विकारों और संक्रामक रोगों के लिए भी लाभदायक हैं,साथ में इसके सेवन से इम्युनिटी भी बढ़ती हैं। महिलायो में बाँझपन की समस्या मुख्यता हार्मोन्स के असन्तुलन की वजह से होती हैं पर शिवलिंगी बीज हार्मोन्स का संतुलन बनाये रखने में असरदार हैं,जिसकी वजह से महिलायो में बाँझपन की समस्या नही होती।
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शिवलिंगी बीज के लाभ एवं उपयोग
महिलाओं के यौन स्वास्थ्य में सुधार के लिए :- शिवलिंगी बीज महिलायो के रोगों की रोकथाम के लिए अत्यंत लाभदायक हैं जैसे महिलायो की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए इससे बेहतर और बिना दुष्प्रभावो के और कोई उत्पाद नही हैं इसके अलावा यह हार्मोन्स को संतुलित करता हैं जिससे महिलायो को मासिक धर्म अनियमितताओं से छुटकारा मिलता हैं।
गर्भधारण के लिए
जैसा की पहले भी बताया गया हैं की यह औषधि हार्मोन्स को संतुलित करती हैं,जिसके परिणामस्वरूप महिलायो को सुरक्षित गर्भधारण करने में शिवलिंगी बीज मदद करती हैं और जो महिलाये बार बार हो रहे गर्भपात की समस्या से जूझ रही हो, उनके लिए भी यह लाभदायक हैं।
बाँझपन के लिए
बाँझपन को दूर करने के लिए शिवलिंगी बीज एक उपयोगी औषधि हैं।
अन्य रोगों में भी लाभदायक
स्त्री रोगों के अलावा शिवलिंगी बीज इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भी एक अच्छी औषधि हैं और गठिया, जोड़ो के दर्द, दमा और पाचन सम्बन्धी रोगों की रोकथाम करने में भी यह सहायक हैं।
औषधीय मात्रा निर्धारण एवं व्यवस्था
शिवलिंगी बीजो को कूट कर पीस और छान लें, इसके बाद इसका पाउडर बना के रख लें। अच्छे परिणामो के लिए पुत्रजीवक बीजो के चूर्ण और शिवलिंगी पाउडर को मिक्स कर लें इसके बाद इस मिश्रण का एक चम्मच दिन में दो बार लें एक बार सुबह नाश्ते से एक घंटे पहले और शाम के भोजन के एक घंटे पहले और इसके सेवन से सम्बंधित सबसे महत्वपूर्ण सुझाव यह दिया जाता हैं की इस औषधि का सेवन गाय के दूध के साथ करना चाहिए और वो भी उस गाय के दूध के साथ जिसका बछड़ा हो।
दुष्प्रभाव
शिवलिंगी बीजो पूरी तरह से आयुर्वेदिक औषधि हैं और इसका सेवन बहुत सालो से महिलायो सम्बन्धी रोगों की रोकथाम के लिए किया जाता रहा हैं। दिए गए निर्देशो के अनुसार अगर इसका प्रयोग किया जाये तो इसका कोई दुष्प्रभाव नही हैं। अगर फिर भी इसके सेवन के बाद कोई समस्या होती हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
पूर्वापाय
- चिंता और तनाव से जितना हो सके ,दूर रहें। अपनी दिनचर्या को बदलें।
- अधिक पानी पिये, हेल्थी खाना खाएं और जंक फ़ूड या तले-भुने खाने से दूर रहे।
- कसरत और योग करें।