उषापान के लाभ
सूर्योदय से पहले8 अंजलि मात्रा में पानी पीना आयुर्वेद में उषापान कहलाता है। उषापान में सुबह हमें कितना पानी पीना चाहिए और क्यों पीना चाहिए, इसके बारे में हमारे चैनल पर पाहिले से ही एक विडियो और इस वेबसाइट में लेख है। आप उसे भी जरुर देखें। इस लेख में उषापान के 5 मुख्य लाभों के बारे में जानेगें।
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सुबह पानी पीने से लगभग सभी बीमारियों से बचाव होता है।
सुबह पानी पीने से लगभग सभी बीमारियों से बचाव और इलाज होता है। विशेषकर, यह बवासीर, ग्रहणी रोग (जिसे irritable bowel syndrome भी कहा जा सकता है), बुखार, मोटापा, शरीर के ऊपरी भाग में स्थित अंगों (गर्दन के ऊपर) के रोगों में सहायक है। यह कान के रोगों में मदद करता है। यह आप को दीर्घायु प्रदान करता है। यह मूत्र विकारों और रक्त विकारों में भी उपयोगी है।
पेट और आंत को साफ करता है
उषापान पेट और आंत को साफ करता है। जल एनीमा बृहदान्त्र अर्थात बड़ी आंत को साफ करता है। एनीमा की पेट और छोटी आंत तक कोई पहुंच नहीं होती। पेट और छोटी आंत को detoxify करने के लिए, उषापान सबसे अच्छी तकनीक है। यह छोटी आंत की दीवारों से अपचे या ठीक से न पचे हुए भोजन कणों को हटा देता है और पोषक तत्वों के अवशोषण (absorption) और भोजन के पाचन में सुधार करता है।
क्योंकि अधपका भोजन कब्ज, अपचन, अम्लपित्त, एसिड पेप्टिक विकारों और पेट के रोगों का मुख्य कारण है। तो, उषापान इन रोगों की रोकथाम और उपचार में लाभ करता है। और आम दोष का नाश करता है। आयुर्वेद में अधपके भोजन जो toxins उत्पन होते है उसे आम दोष कहा जाता है जो आगे process हो कर आम विष में परिवर्तित हो कर बहुत से रोगों का कारण बन जाता है। उषापान आम दोष को शारीर से बहार निकालता है और सभी रोगों को रोकने में मदद करता है। यदि कोई रोग हो भी गया तो उसके शीघ्र उपचार में सहायक होता है।
ग्रहणी रोग के उपचार में मदद करता है
आयुर्वेद में, उषापान को ग्रहणी रोग के लिए एक उत्तम उपचार हैं। आप ग्रहणी रोग को irritable bowel syndrome भी कह सकते है। इनके बहुत सारे लक्षण एक सामान होते है।
ग्रहणी रोग में, आम दोष मुख्य कारण है। आम दोष का गठन अधपचे भोजन के कारण होता है। जैसा कि हमने पहले चर्चा की थी, उषापान छोटी आंत की दीवारों से अपचे भोजन के कणों को हटा देता है ।
इस तरह यह ग्रहणी रोग के कारण को समाप्त करता है और यह ग्रहणी रोग के उपचार में मदद करता है।
उषापान वजन कम करता है
उषापान के दौरान, यदि आप तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते हैं, तो यह वजन कम करने में सहायक होता है। तांबे में चार्ज हुए पानी में विशेष गुण होते हैं जो शरीर में कफ दोष और fat को कम करते हैं। इस तरह यह वजन कम करने में भी उपयोगी होता है।
किडनी और मूत्राशय को साफ करता है
उषापान से गुर्दे और मूत्राशय की सफाई में लाभ होता है।
यदि आप मूत्राशय में गंदगी या गुर्दे की पथरी से पीड़ित हैं, तो उशापन मूत्राशय को साफ करने और गुर्दे से पथरी को बाहर निकालने के लिए बहुत ही फायदेमंद होता हैं। जिन लोगों को बार बार इलाज करने के बाद भी गुर्दे की पथरी हो जाती है, उन लोगों के लिए तो यह उत्तम चिकित्सा है। यह बार-बार होने वाले मूत्र संक्रमण (UTI) को भी रोकता है।