काला नमक लाभ और दुष्प्रभाव
काला नमक (जो हिमालयन काला नमक या अंग्रेजी में भारतीय काला नमक के नाम से भी जाना जाता है) एक प्रकार का सेंधा नमक (Rock Salt) है, जो आम तौर पर गहरी लाली लिए हुए काले रंग का होता है और इसमें तीखी सल्फर की गंध होती है। काले नमक का पाउडर गुलाबी भूरे या हलके बैंगनी रंग का होता है।
आयुर्वेद में, काले नमक का औषधीय महत्व है और यह कुछ आयुर्वेदिक औषधियों का घटक है। ये आयुर्वेदिक उपचार आमतौर पर पाचन तंत्र के रोगों के लिए लाभदायक होते हैं।
काला नमक के अन्य नाम
- काला लून
- काला नमक
- हिमालयन काला नमक
- भारतीय काला नमक
- नमक काला
Contents
रासायनिक संरचना
काला नमक में मुख्य रूप से सोडियम क्लोराइड और विभिन्न खनिज और रासायनिक यौगिक जैसे की सोडियम सल्फेट (Na2SO4), मैग्नीशिया (MgO), फेरस सल्फेट (FeSO4) के रूप में लौह, ग्रीगाइट (Fe3S4), फेरिक ऑक्साइड आदि होते हैं। काले नमक में 36.8% से 38.79% सोडियम सामग्री होती है, जो बाजार में उपलब्ध विभिन्न ब्रांडों के अनुसार भिन्न हो सकती है।
आम नमक बनाम काला नमक
आम नमक और काला नमक दोनों में सोडियम क्लोराइड होता है। यहां उनकी संरचना के अनुसार कुछ अंतर दिए गए हैं।
विवरण | आम नमक | काला नमक |
सोडियम | 38.7% से 39.1% | 36.80% से 38.79% |
पोटैशियम | 0.09% | 0.28% |
कैल्शियम | 0.03% | 0.16% |
मैग्नीशियम | 0.01% से कम | 0.10% |
औषधीय गुण
काला नमक में निम्नलिखित उपचार के गुण होते हैं।
- अम्लत्वनाशक
- बादी नाशक
- प्रतिउपचायक
- कृमिनाशक
- अडाप्टोजेनिक
- शांतिदायक
- वातहर
- पाचन उत्तेजक
- रक्तकणरंजक (हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाता है)
- हेमेटोजेनिक (लाल रक्त कोशिकाओं के गठन में मदद करता है)
- वसा दाहक
चिकित्सीय संकेत
काला नमक पेट की परेशानी और पाचन तंत्र विकार से संबंधित अन्य लक्षणों में लाभदायक है।
- अम्लता
- पेट में दर्द या ऐंठन
- आँतों में वायु
- पेट फूलना
- उदर विस्तार
- सूजन
- रक्ताल्पता
- मोटापा
- चर्म रोग
काले नमक के लाभ और उपयोग
काला नमक ऊपर चिकित्सीय संकेतों में सूचीबद्ध रोगों में लाभदायक है। जड़ी बूटियों के जानकार, प्राकृतिक चिकित्सक और आयुर्वेदिक चिकित्सक आम तौर पर इन रोगों में काले नमक की संस्तुति करते हैं। यहां हम काले नमक के मुख्य उपयोगों और स्वास्थ्य लाभों पर चर्चा करेंगे।
अपच और भूख में कमी
काला नमक पाचन उत्तेजक है, जिसका अर्थ है की यह पेट में अम्ल के प्राकृतिक उत्पादन को संतुलित करता है और यकृत में पित्त के उत्पादन को उत्तेजित करता है। यह खाद्य पदार्थों को पचाने और भूख बढ़ाने में मदद करता है।
आयुर्वेद में, इसका उपयोग त्रिकटु (काली मिर्च, अदरक और पिप्पली सहित तीन तीखे मसाले) के साथ किया जाता है। अम्लता, सीने में जलन या अल्सर से पीड़ित लोगों को इस मिश्रण से परहेज करना चाहिए, लेकिन वे सिर्फ काला नमक ले सकते हैं।
अम्लता और सीने में जलन
काला नमक अम्लता और सीने में जलन के लिए भी लाभदायक है। यह अम्ल प्रतिवाह को कम कर देता है और पेट में अम्ल उत्पादन को संतुलित करता है।
अम्लता और सीने में जलन में अधिकतम लाभ के लिए इसे समान अनुपात में धनिया बीज पाउडर, जीरा पाउडर और सौंफ़ पाउडर (Fennel Seed) के साथ उपयोग करना उत्तम है।
वायु, पेट फूलना और उदर विस्तार
काला नमक अपने बादी नाशक गुणों के कारण आँतों में वायु और पेट की फुलावट को कम करता है। यह भोजन करने के बाद पेट में भारीपन को कम करने में मदद करता है।
यदि आपको इनमें से कोई भी समस्या है, तो आप नींबू पानी के साथ काले नमक का उपयोग कर सकते हैं। काले नमक के साथ नींबू पानी का सेवन पाचन में सुधार लाने में भी मदद करता है।
रक्ताल्पता
काले नमक में लोहे के यौगिकों की थोड़ी मात्रा होती है, जो लोहे की कमी वाले एनीमिया के लिए बहुत लाभदायक होते हैं।
सावधानी और दुष्प्रभाव
काला नमक को आहार की मात्रा में लेना सुरक्षित है। आहार में काले नमक की मात्रा एक दिन में 6 ग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए (इसमें अयौगिक सोडियम लगभग 2.3 ग्राम है)। काले नमक की चिकित्सीय मात्रा आहार की मात्रा से कम है और इसका उपयोग अन्य जड़ी-बूटियों और मसालों के साथ किया जाता है। आमतौर पर इस हर्बल मिश्रण लगभग 250 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम तक काला नमक होता है, जो की काफी सुरक्षित मात्रा होती है।
काले नमक के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या रक्तचाप के लिए काला नमक अच्छा है?
काले नमक में सोडियम क्लोराइड (NaCl) भी होता है। बाजार में उपलब्ध विभिन्न ब्रांडों के अनुसार काले नमक में सोडियम 36.8% से 38.79% तक हो सकता है। इसमें थोड़ी मात्रा में पोटेशियम, मैग्नीशियम और अन्य खनिज भी होते हैं, जिसके लिए इसे हृदय रोगियों के लिए सर्वोत्तम माना जाता है, लेकिन इन खनिजों की मात्रा नगण्य होती है।
यह आपके रक्तचाप को प्रभावित कर सकता है जैसे की आम नमक करता है। इसलिए, उच्च रक्तचाप वाले रोगियों को सतर्कता के लिए इसे 3.75 ग्राम (करीब 1.5 ग्राम अयौगिक सोडियम) से अधिक नहीं खाना चाहिए।
यदि आप स्वस्थ व्यक्ति हैं, तो आप इसे प्रति दिन 6 ग्राम तक (लगभग 2.3 ग्राम अयौगिक सोडियम के बराबर) खा सकते हैं।
क्या आम नमक की तुलना में काला नमक अधिक स्वस्थ है?
आम नमक आयोडिन के साथ मिलाकर बनाया गया एक परिष्कृत नमक है। हालांकि, काले नमक में आयोडीन भी होता है, लेकिन इसमें मौजूद आयोडीन की मात्रा पर्याप्त नहीं होती है। इसलिए, अगर हम आयोडीन के महत्व पर विचार करते हैं, तो हम यह समझ सकते हैं कि आम नमक काले नमक से बेहतर है।
हालांकि, काले नमक में खनिज भी होते हैं, जो हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। अगर हम इस बिंदु पर विचार करते हैं, तो काला नमक आम नमक की तुलना में अधिक स्वस्थ होता है।
अधिकतम लाभ के लिए, आप अपने भोजन में आम नमक के साथ काले नमक का मिश्रण कर सकते हैं। इससे आपको पर्याप्त मात्रा में आयोडीन और साथ ही खनिज भी मिलेंगे।
काले नमक में औषधीय गुण भी होते हैं, इसलिए यह पाचन विकारों, अपच, भूख ना लगने, पेट फूलने, सीने में जलन, वायु और उदर विस्तार में लाभ देता है। यदि आप अपने आहार में काले नमक का उपयोग करते हैं, तो यह इन विकारों को भी रोकता है। इन लाभों के अनुसार, हम काले नमक को सामान्य नमक से अधिक स्वस्थ मान सकते हैं।
काले नमक के इन लाभों के साथ साथ, इसमें लौह भी होता हैं, जो हीमोग्लोबिन के उत्पादन में सहायक है। इसलिए, एनीमिया या अन्य रक्त विकारों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए भी यह उत्तम है।
क्या समुद्री नमक की तुलना में काला नमक अधिक स्वस्थ है?
काला नमक समुद्री नमक से अधिक स्वस्थ है। समुद्री नमक में एल्यूमीनियम सिलिकेट और पोटेशियम आयोडेट जैसे हानिकारक रसायन होते हैं। इन दोनों रसायनों का स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता हैं, इसलिए कुछ देशों में समुद्री नमक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। काले नमक में ये रसायन शामिल नहीं हैं, इसलिए समुद्री नमक की तुलना में काला नमक बेहतर है।
भोजन में काले नमक का उपयोग कैसे करें?
समान मात्रा में काला नमक और आम नमक लें। उन्हें ठीक से मिलायें और अधिकतम स्वास्थ्य लाभ के लिए अपने भोजन में लवण के इस मिश्रण का उपयोग करें।
संदर्भ
- Black Salt – AYURTIMES.COM