मूसली पाक
मूसली पाक (Musli Pak) एक आयुर्वेदिक कामोद्दीपक, बल्य व पौष्टिक औषधि है। पुरुषों में यह शारीरिक शक्ति को बहाल करने के लिए प्रयोग की जाती है। यह एक पौष्टिक टॉनिक के रूप में कार्य करती है और शरीर को बल देती है। यह अपने कामोद्दीपक लाभ के लिए प्रसिद्ध है और पुरुषों की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए बहुत लोकप्रिय है। यह पुरुषों में सहन-शक्ति, ताकत, समय और प्रदर्शन में सुधार करता है। इन लाभों के अतिरिक्त, यह सामान्य दुर्बलता और शरीर के वजन को बढानें के लिए भी प्रयोग किया जाता है। भारत में खिलाडी इसे व्यायाम सहनशक्ति और क्षमता को सुधारने के लिए भी प्रयोग करते है।
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घटक द्रव्य एवं निर्माण विधि
मूसली पाक में मुख्य घटक सफेद मूसली है। यह शारीरिक शक्ति सुधारने के अति हितकारी सिद्ध हुई है। योग चिंतामणि के अनुसार मूसली पाक में निम्नलिखित घटक द्रव्यों है:
घटक द्रव्यों के नाम | मात्रा |
सफेद मूसली | 16 भाग |
गाय का दूध | 200 भाग |
गाय का घी | 16 भाग |
चीनी | 50 |
सेमल गोंद या मोचरस | 8 भाग |
नारियल | 2 भाग |
बादाम | 2 भाग |
चिरोंजी | 2 भाग |
जायफल | 2 भाग |
लौंग | 2 भाग |
केसर | 2 भाग |
तुम्बरू | 2 भाग |
जटामांसी | 2 भाग |
कौंच बीज | 2 भाग |
दालचीनी | 2 भाग |
इलायची | 2 भाग |
तेजपात | 2 भाग |
नागकेसर | 2 भाग |
सोंठ | 2 भाग |
काली मिर्च | 2 भाग |
पिप्पली | 2 भाग |
जावित्री | 2 भाग |
संदर्भ: योग चिंतामणि, अध्याय 1 और भारत भैषज्य रत्नाकर 5207 |
निर्माण विधि
- सफेद मूसली और गाय का दूध मिलाएं।
- मिश्रण को खोए (मावा) जैसा अर्द्ध ठोस बनाने के लिए उबालें।
- फिर मावा में गाय का घी मिलाएँ। इसे तबतक पकाएं जब तक यह भूरे रंग का ना हो जाए।
- पानी और चीनी का उपयोग कर चाशनी तैयार करें।
- अब, चाशनी को मिश्रण में मिलाएँ, मिश्रण को अच्छी तरह मिलाने के लिए इसे उबालें।
- अब, अन्य सामग्रियां मिलाएँ और कांच के बर्तन या मर्तबान में सुरक्षित रखें।
नोट: योग चिंतामणि में बताये गए फॉर्मूले में भस्म और रस औषधि जैसे अभ्रक भस्म, लोह भस्म, और रस सिंदूर आदि का वर्णन नहीं किया गया। बाजार में उपलब्ध होने वाले मूसली पाक के योगो में इनका मिश्रण भी किया जाता है। आप खरींदे से पहले घटक द्रव्यों की जाँच आवश्य करें। आमतौर पर बाजार में उपलब्ध मूसली पाक में निम्नलिखित घटक द्रव्य भी पाए जा सकते है:
- अकरकरा
- अभ्रक भस्म
- अश्वगंधा
- कमल गट्टा
- गोक्षुर
- चित्रकमूल
- तल मखाना
- बाला बीज
- मकरध्वज
- लोह भस्म
- वंग भस्म
- वंशलोचन
- शतावरी
- हरीतकी
मूसली पाक में घटक द्रव्य या उनके अनुपात विभिन्न ब्रांडों या निर्माताओं के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। यह परिवर्तन विभिन्न शास्त्रीय ग्रंथों में से फॉर्मूले चुनने के कारण है। हालांकि, सभी ब्रांडों के मूसली पाक में मुख्य घटक द्रव्यों में कुछ ख़ास अंतर नहीं है और सब एक से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं।
औषधीय कर्म (Medicinal Actions)
मूसली पाक में निम्नलिखित औषधीय गुण है:
- प्रतिउपचायक – एंटीऑक्सीडेंट
- पौष्टिक – पोषण करने वाला
- बल्य – शारीर और मन को ताकत देने वाला
- वाजीकरण
- शुक्रजनन
- शुक्रस्तम्भन
- वीर्यवर्धक
- शुक्रवर्धन
- कामोद्दीपक
- बृहण
- गर्भाशय-बल्य
- श्वेतप्रदरहर
आयुर्वेद के अनुसार, मूसली पाक मुख्य रूप से वात दोष शमन करता है और कफ दोष (Kapha Dosha) को बढ़ा सकता है। अधिकांश रोगों में जिनमें इसको दिया जाता है उन में मुख्यतः वात दोष प्रदान कारण होता है। यह आहारनली में स्निग्ध या स्नेह गुण बढ़ा सकता है।
चिकित्सकीय संकेत (Indications)
मूसली पाक (Musli Pak) निम्नलिखित व्याधियों में लाभकारी है:
- शीघ्रपतन
- शारीरिक कमजोरी
- क्षीण कामेच्छा
- व्यसन या बुढ़ापे के माध्यम से पुरुष शक्ति कम होने पर
- मर्दाना कमजोरी या दुर्बलता
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन
- नपुंसकता
- शुक्रक्षय – अल्पशुक्राणुता
- मांसपेशी में कमज़ोरी
- शारीरिक थकान
- प्रदर रोग
औषधीय लाभ एवं प्रयोग (Benefits & Uses)
आयुर्वेद में मूसली पाक वाजीकरण चिकित्सा (आयुर्वेदिक कामोद्दीपक थेरेपी) के लिए एक लोकप्रिय शास्त्रीय औषधि है। यह पुरुष बांझपन या अल्पशुक्राणुता और पुरुष प्रजनन प्रणाली के अन्य विकारों के उपचार में उपयोगी है। मूसली पाक शारीरिक शक्ति में सुधार लाता है और शरीर को पोषण प्रदान करता है।
मूसली पाक में पुरुषों में हार्मोन की क्रिया को ठीक करता है और टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार करता है। पुरुषों में यह नपुंसकता दूर करने में भी सहायक सिद्ध होता है।
मूसली पाक की समग्र क्रिया प्रजनन प्रणाली को शक्ति प्रदान करना है और उसके प्राकृतिक कार्यों को बनाए रखना है। यह शुक्रजनन का कार्य करता है और यह शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार लाता है।
यह आयुर्वेद में बृहन चिकित्सा के लिए भी एक अच्छी दवा है। यह शरीर का वजन बढ़ा सकता है। इसलिए इसका प्रयोग शरीरिक वजन बढ़ाने के लिए भी किया जाता है।
मांसपेशियों में कमजोरी और थकान
मूसली पाक मांसपेशियों की ताकत बढ़ाता है। वास्तव में, यह मांसपेशियों की थकान को कम करने में मदद करता है। यह मांसपेशियों को पोषण प्रदान करता है। जिन रोगियों को थोड़ा सा काम करते ही मांसपेशियों की थकान हो जाती है, यह उन सब के लिए एक उत्तम औषधि है।
दुर्बलता और अल्प-भार
मूसली पाक को कुपोषण से पीड़ित लोगो में क पोषक आहार की तरह प्रयोग किया जा सकता है। हालांकि, इसके साथ भूख बढ़ाने वाली औषधि का भी प्रयोग करना चाहिए। आरम्भ में, इसका प्रयोग कम मात्रा खुराक (अर्थात 1 से 2 ग्राम) में करना चाहिए। धीरे-धीरे इसकी मात्रा भूख के अनुसार बढ़ानी चाहिए।
पुरुष बांझपन व अल्पशुक्राणुता
मूसली पाक को सामान्यतः अल्पशुक्राणुता के कारण होने वाले पुरुष बांझपन के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह शुक्रजनन, शुक्रवर्धन और वीर्यवर्धक औषधि है। इसमें उपस्थित सफेद मूसली टेस्टोस्टेरोन स्तर में सुधार करता है और वृषण कार्यों को बढ़ाता है।
प्रदर रोग
मूसली पाक प्रदर से ग्रसित महिलाओं को प्रदर से राहत दिलाने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह अप्राकृतिक स्राव को कम करता है। यह इसके कारण महिलाओं आने वाली शारीरिक कमजोरी को दूर करता है। यह उन महिलाओं के लिए भी उपयोगी है, जिन्हें प्रदर के साथ-साथ पीठ के निचले हिस्से में दर्द रहता है।
उच्छायी शिथिलता (इरेक्टाइल डिसफंक्शन)
मूसली पाक शिश्न-मांसलता को शक्ति प्रदान करता है और कड़ेपन में सुधार करता है, जो स्तंभन ऊतकों को देर तक स्तंभन के लिए मदद करता है। मूसली पाक के कुछ फार्मूले में बंग भस्म और अकरकरा होती है, जो उत्तेजक और इरेक्टजनिक प्रभाव भी डालती है।
मात्रा एवं सेवन विधि (Dosage)
मूसली पाक की सामान्य औषधीय मात्रा व खुराक इस प्रकार है:
औषधीय मात्रा (Dosage)
वयस्क | 3 से 24 ग्राम |
वृद्धावस्था (60 वर्ष से ऊपर) | 3 से 6 ग्राम |
सेवन विधि
दवा लेने का उचित समय (कब लें?) | भोजन के 2 से 3 घंटे बाद |
दिन में कितनी बार लें? | 2 बार – सुबह और शाम |
अनुपान (किस के साथ लें?) | दूध के साथ |
आप के स्वास्थ्य अनुकूल मूसली पाक की उचित मात्रा के लिए आप अपने चिकित्सक की सलाह लें।
मूसली पाक के दुष्प्रभाव (Side Effects)
हालांकि, मूसली पाक में कुछ सामग्री ऐपेटाइज़र (पाचन वर्धक) और पाचन उत्तेजक हैं, लेकिन फिर भी मूसली पाक पचाने के लिए भारी है। इसलिए इसे ठीक से पचाने में लंबा समय लग सकता है। कमजोर पाचन शक्ति वाले कुछ लोगों में, इससे भोजन की जल्दी संतुष्टता या भूख की हानि या भोजन करने की इच्छा की हानि हो सकती है।
कुछ मामलों में जो मूसली पाक को आसानी से हजम नहीं कर सकते हैं, यह भी कब्ज का कारण भी बन सकता है।
नोट: मूसली पाक के कुछ ब्रांडों में हरबोमिनरल तत्व होते हैं। इसका अर्थ यह है कि इसमें भारी धातुओं सहित कुछ खनिज तत्व भी होते हैं। इसलिए, आपको इसे खरीदने से पहले इसके घटकों के लेबल को पढ़ना चाहिए।
कई आयुर्वेदिक डॉक्टरों के अनुभव और रोगविषयक उपयोग के अनुसार, इससे किसी भी गंभीर अंग क्षति होने की कोई संभावना नहीं है। फिर भी सतर्कता प्रयोजन के लिए, मूसली पाक को अधिकतम 6 सप्ताह से अधिक लगातार नहीं लेना चाहिए।
मूसली पाक के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न
मूसली पाक के बारे में कुछ आम सवालों की यहां चर्चा हो रही है।
यदि मूसली पाक के कारण भूख में कमी आए तो क्या करना चाहिए?
आम तौर पर कम क्षुधा का कारण इसका भरी मात्रा में शुरू से ही मूसली पाक का सेवन करना है। यदि ऐसा हो तो आपको इसका प्रयोग कुछ दिनों के लिए (3 से 5 दिन) बंद कर देना चाहिए और कुछ दिनों के बाद इसको कम मात्रा में फिर से शुरू करना चाहिए। फिर धीरे-धीरे इसकी खुराक में वृद्धि करें।
यदि फिर भी यह आप की भूख कम करती है, तो आपको कुछ हर्बल ऐपेटाइज़र या लीवर एंजाइम लेने की आवश्यकता है, जो भूख और पाचन क्रिया में सुधार के लिए मदद कर सकते हैं।
अगर यह कब्ज का कारण बनता है तो मुझे क्या करना चाहिए?
मूसली पाक में सफेद मूसली की स्निग्ध गुणवत्ता होने के कारण कब्ज हो सकता है। आम तौर पर, कब्ज को कम करने के लिए त्रिकटु चूर्ण, पंचकोल चूर्ण, आरोग्यवर्धिनी वटी या कोई अन्य दवा को यकृत के सुचारू कार्य करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
आपको ऐसा भोजन करना चाहिए जिसमें फाइबर अधिक हों। इसके अतिरिक्त इसबगोल को भी लिया जा सकता है। अन्य हल्के जुलाब जैसे मुनक्का (किशमिश), त्रिफला, स्वादिष्ट विरेचन चूर्ण आदि भी लाभ देते हैं। यदि मूसली पाक से गंभीर कब्ज हो जाए तो आपको इसे तुरंत बंद कर देना चाहिए।
क्या एक महिला मूसली पाक ले सकती है?
हाँ, महिलायें भी प्रदर रोग के लिए और साथ ही साथ शक्ति में सुधार और दुर्बलता को कम करने के लिए मूसली पाक ले सकती हैं। प्रदर रोग में यह उपयोगी है। जब स्राव सफ़ेद, पतला और गंधहीन ह, तो यह अधिक लाभ करता है।
मुझे मूसली पाक कैसे लेना चाहिए?
इसे इसकी प्रस्तावित खुराक (5 से 10 ग्राम) को गर्म दूध के साथ लिया जा सकता है।
क्या मैं इसे पानी के साथ भी ले सकता हूँ? क्या फर्क है, अगर मैं इसे दूध या पानी के साथ लूँ?
हाँ, मूसली पाक को पानी के साथ भी लिया जा सकता है। आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुसार, दूध औषधि की शरीर को मजबूत बनाने की क्रिया को उत्तेजित करता है और पोषण में मदद करता है। पानी इस लाभ को प्रदान नहीं करता है।