Ayurvedic Medicines

शंखपुष्पी सिरप (Shankhpushpi Syrup) घटक द्रव्य, संकेत, प्रयोग एवं लाभ, मात्रा, दुष्प्रभाव

शंखपुष्पी सिरप (Shankhpushpi Syrup) स्मृति और मस्तिष्क शक्ति को बढ़ाने के लिए एक आयुर्वेदिक टॉनिक है। यह मस्तिष्क को बल प्रदान करता है और मन को शांत करता है। इसका प्रयोग टॉनिक रूप में मानसिक कमजोरी, भूलने की बीमारी, स्मृति हानि, कम प्रतिधारण शक्ति आदि में किया जाता है।

शंखपुष्पी सिरप का मुख्य प्रभाव मस्तिष्क और तंत्रिकाओं पर होता हैं। यह मन को शांत कर चिंता, मानसिक तनाव, काम संबंधी तनाव और अवसाद को भी कम कर देता है।

भारत में मुख्यतः छात्र इसका प्रयोग अपनी स्मरण शक्ति और बुद्धि बढ़ाने के लिए करते है। यह परीक्षा के समय मानसिक तनाव कम करने में भी सहायक होता है।

जिन लोगों जरा सा मानसिक काम करने पर मानसिक थकावट हो जाती है या इस भी देखा गया है कि बहुत से छात्र थोड़ी सी पढ़ाई करने पर थक जाते है और उसके बाद वो कितना भी पढ़े पर उनको याद नहीं होता, ऐसे लोगों और छात्रों के लिए शंखपुष्पी सिरप रामबाण के सामान काम करता है और मानसिक थकावट को कम करता है और मस्तिष्क को बल देता है।

Contents

शंखपुष्पी सिरप के घटक द्रव्य (Ingredients)

शंखपुष्पी सिरप (Shankhpushpi Syrup) में शंखपुष्पी एक मुख्य घटक द्रव्य है। यहाँ पर हम इसके सभी घटक द्रव्यों की सूची दे रहे है।

संघटक मात्रा (प्रति 10 मिली लीटर)
शंखपुष्पी पंचांग 200 मिली ग्राम
ब्राह्मी 50 मिली ग्राम
शक्कर 8000 मिली ग्राम
निम्बू सत्व 6 मिली ग्राम
पानी पर्याप्त मात्रा (Q.S.)

यह सभी प्रमुख सामग्रियाँ लगभग सभी कंपनियों द्वारा निर्मित शंक्पुष्पी सिरप में मौजूद होती हैं। कुछ निर्माण कंपनियां इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित तत्वों को भी मिलाती हैं।

  1. वचा
  2. मंडूकपर्णी (गोटू कोला)

संरक्षक द्रव्य

कुछ कम्पनियाँ शंखपुष्पी सिरप को सुरक्षित रखने के लिए संरक्षक द्रव्य का प्रयोग करती हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं।

  • सोडियम प्रोपिल पैराबेन
  • सोडियम मिथाइल पैराबेन

औषधीय कर्म (Medicinal Actions)

शंखपुष्पी सिरप में निम्नलिखित औषधीय गुण है:

  1. मेध्य – बुद्धिवर्धक – बुद्धि को बढ़ाने वाला
  2. स्मरण शक्ति वर्धक – स्मरणशक्ति बढ़ाने वाला
  3. मस्तिष्क बल्य – मस्तिष्क को ताकत देने वाला
  4. तनाव विरोधी (तनाव कम करने वाला)
  5. अवसादरोधी
  6. एंटीऑक्सिडेंट
  7. अम्लत्वनाशक
  8. मानसिक ध्यान बढ़ाता है
  9. प्रतिधारण शक्ति बढ़ाता है
  10. मस्तिष्क को उत्तेजित करता है
  11. सीखने की क्षमता में सुधार करता है
  12. मनोदशा स्थिर करने वाला
  13. मन को शिथिल करने वाला
  14. अति उच्च रक्तचापरोधी (तनाव से सम्बंधित उच्च रक्तचाप में लाभदायक)

चिकित्सकीय संकेत (Indications)

शंखपुष्पी सिरप निम्नलिखित व्याधियों में लाभकारी है:

  • मानसिक कमजोरी
  • भूलने की बीमारी या भुलक्कड़पन
  • स्मृति हानि
  • कम प्रतिधारण शक्ति
  • मानसिक थकान
  • अनिद्रा
  • एकाग्रता का अभाव
  • सिरदर्द
  • तनाव
  • चिंता
  • अवसाद (depression)
  • मानसिक दुर्बलता
  • मानसिक अप्रसन्नता
  • बच्चों में सीखने और समझने की समस्याएं
  • ए.डी.एच.डी.

शंखपुष्पी सिरप का निम्नलिखित रोगों में भी एक सहायक के रूप में अन्य औषधियो के साथ प्रयोग किया जा सकता है।

  • मानसिक मंदता (mental retardation)
  • मिर्गी (epilepsy)
  • उच्च रक्तचाप (hypertension)
  • मनोभ्रम (dementia)

शंखपुष्पी सिरप के लाभ और उपयोग

शंकपुष्पी सिरप का मुख्य कार्य मस्तिष्क पर होता है। यह मस्तिष्क को बल प्रदान करता है और इसके प्राकृतिक कार्यों को सुधारता है। यह मुख्य रूप से याददाश्त बढ़ाता है।

बुद्धि वर्धक है और सीखने की क्षमता को सुधारता है

शंखपुष्पी सिरप बच्चों में बुद्धि को बढाता है और सीखने की क्षमताओं में सुधार करने के लिए एक अच्छा आयुर्वेदिक टॉनिक हैं।

इस सिरप प्रयोग बच्चे और वयस्क दोनों में किया जा सकता हैं। परीक्षा के समह छात्र इसका प्रयोग करते आ रहे हैं। यह स्मृति, एकाग्रता और बुद्धि को बढ़ाता है। लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाने में भी यह अति हितकारी सिद्ध होता है।

शंखपुष्पी और ब्राह्मी दोनों मस्तिष्क के लिए टॉनिक हैं और याददाश्त को भी बढ़ाते हैं। इसलिए, यह विस्मृति को कम करने में मदद करता है और मस्तिष्क की अवधारण क्षमता में सुधार करता है। यह दोनों घटक द्रव्य समझने की शक्ति और याद रखने की क्षमता को बढ़ाते हैं।

स्मरणशक्ति और दिमागी ताकत

शंखपुष्पी सिरप स्मरणशक्ति और दिमागी ताकत में सुधार करता है। इसका परिणाम नियमित रूप से 3 से 6 महीने तक उपयोग करने के बाद दिखाई देता है।

हालांकि, औषधियाँ या पूरक केवल सतर्कता, ध्यान की अवधि, मस्तिष्क के कार्यों, तंत्रिका समन्वय और मस्तिष्क की अवधारण क्षमता में सुधार सकते हैं, लेकिन ये पूरक आपके विलंब की आदतों को बदल सकते हैं। इसलिए, मस्तिष्क की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए दैनिक मस्तिष्क के अभ्यास की भी आवश्यकता होती है।

शंकपुष्पी सिरप सतर्कता, ध्यान अवधि, मस्तिष्क के कार्यों, तंत्रिका समन्वय (nerve coordination) और मस्तिष्क की अवधारण क्षमता (retention power) में सुधार करने में मदद करता है।

वैकल्पिक रूप से, स्मरणशक्ति और प्रतिधारण शक्ति को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित हर्बल फार्मूला का भी उपयोग कर सकते है:

जड़ी बूटी अनुपात
शंखपुष्पी चूर्ण 100 ग्राम
अश्वगंधा चूर्ण 100 ग्राम
बादाम 200 ग्राम
मुलेठी (यष्टिमधु) 100 ग्राम
ब्राह्मी 25 ग्राम
सफ़ेद मिर्च 12.5 ग्राम
मात्रा: दूध के साथ आधा चम्मच सुबह और शाम

ए.डी.एच.डी.

शंकपुष्पी सिरप ए. डी. एच. डी. (ध्यान अभाव सक्रियता विकार) से पीड़ित बच्चों में एकाग्रता और ध्यान अवधि में सुधार करता है। यह अप्रासंगिक उत्तेजनाओं द्वारा विकर्षण को कम करता है। इस प्रकार, यह चल रहे कार्यों में रुकावट कम कर देता है।

मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद

शंखपुष्पी सिरप मानसिक तनाव को कम कर देता है। चिंता को कम करने में मदद करता है और अवसाद का उपचार करने में भी सहायक सिद्ध होता है। शंखपुष्पी और ब्राह्मी दोनों ही अवसादरोधी, तनाव रोधी और चिंता निवारक द्रव्य है। यह मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करता है जिस से मस्तिष्क की तनाव, चिंता और अवसाद के प्रति प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती हैं और इन रोगों से राहत मिलती है।

शंखपुष्पी सिरप निम्नलिखित लक्षणों को दूर करने में सहायक होता है:

  1. अनिद्रा
  2. घबराहट
  3. चक्कर आना
  4. बेचैनी
  5. मुँह सूखना
  6. सिरदर्द

यदि रोगी को मुख्य रूप से थकावट, मांसपेशियों में दर्द, कम्पन आदि की शिकायत है, तो उसे शंखपुष्पी सिरप या शंखपुष्पी पाउडर के साथ अश्वगंधा पाउडर देने की आवश्यकता है। अगर रोगी को अत्यधिक पसीना आ रहा हो, मुँह सूख रहा हो, घबराहट और बेचैनी हो, तो शंखपुष्पी के साथ मुक्ता पिष्टी देने से लाभ मिलेगा।

मात्रा एवं सेवन विधि (Dosage)

शंखपुष्पी सिरप (Shankhpushpi Syrup) की सामान्य औषधीय मात्रा  व खुराक इस प्रकार है:

औषधीय मात्रा (Dosage)

बच्चे 10  मिलीलीटर
वयस्क 20 मिलीलीटर

सेवन विधि

दवा लेने का उचित समय (कब लें?) भोजन के 1 घंटे बाद
दिन में कितनी बार लें? 2 बार – सुबह और रात्रि
अनुपान (किस के साथ लें?) गुनगुने पानी में मिलकर
उपचार की अवधि (कितने समय तक लें) कम से कम 3 महीने या चिकित्सक की सलाह लें

रोगी के स्वास्थ्य के अनुसार शंखपुष्पी सिरप के साथ चिकित्सा की अवधि एक से छे महीने तक हो सकती है।

दुष्प्रभाव (Side Effects)

शंखपुष्पी सिरप के मुख्य घटक शंखपुष्पी और ब्राह्मी हैं, जो कि वास्तव में सुरक्षित माने जाते हैं। यदि शंखपुष्पी सिरप का प्रयोग व सेवन निर्धारित मात्रा (खुराक) में चिकित्सा पर्यवेक्षक के अंतर्गत किया जाए तो शंखपुष्पी सिरप के कोई दुष्परिणाम नहीं मिलते। अधिक मात्रा में शंखपुष्पी सिरप के साइड इफेक्ट्स की जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है।

गर्भावस्था और स्तनपान

गर्भावस्था और स्तनपान दौरान शंखपुष्पी सिरप का प्रयोग करने से पहिले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

सूचना का स्रोत एवं संदर्भ

[jetpack_subscription_form title="Subscribe to Ayur Times" subscribe_text="Get notification for new articles in your inbox" subscribe_button="Subscribe Now" show_subscribers_total="0"]
Back to top button