कासीस भस्म के लाभ, औषधीय प्रयोग, मात्रा एवं दुष्प्रभाव
कासीस भस्म (Kasis Bhasma) एक खनिज आधारित आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें फेरस सल्फेट (Ferrous Sulfate) मुख्य घटक है। इसमें उपस्थित लोहे के घटक के कारण, यह रक्ताल्पता और मासिक धर्म संबंधी विकारों के उपचार में सहायक है।
कासीस भस्म भूख ना लगने, अपच, पेट में भारीपन, प्लीहावर्धन और बालों के समय पूर्व सफ़ेद होने जैसे रोगों के प्रबंधन में भी उपयोगी है।
Contents
घटक द्रव्य
सामान्य नाम | वैज्ञानिक नाम |
शुद्ध कासीस | फेरस सल्फेट (Ferrous Sulfate) |
एलो वेरा रस | प्रसंस्करण के लिए |
रासायनिक संरचना
कासीस को आम भाषा में तूतिया भी कहा जाता है।
रासायनिक सूत्र
FeSO4
फेरस सल्फेट का उपयोग रक्ताल्पता के उपचार के लिए मुख्य धारा की दवाओं में भी किया जाता है, लेकिन कासीस भस्म फेरस सल्फेट की राख है, इसलिए इसकी जैव उर्वरता कच्चे लौह सल्फेट से अधिक है।
औषधीय गुण
कासीस भस्म (Kasis Bhasma) में निम्नलिखित औषधीय गुण हैं:
- हेमाटोजेनिक
- पाचन उत्तेजक
- आर्तवजनक
- आक्षेपनाशक
चिकित्सीय संकेत
कासीस भस्म स्वास्थ्य की निम्नलिखित स्थितियों में लाभदायक है:
ह्रदय और रक्त
- लौह-अल्पताजन्य रक्ताल्पता
पाचन स्वास्थ्य
- अपचन
- उदर विस्तार
- यकृत वृद्धि
- वसीय यकृत्
- प्लीहा वृद्धि
- कृमिरोग
महिला स्वास्थ्य
- रजोरोध (अनुपस्थित मासिक धर्म)
- कष्टार्तव
- असामान्य मासिक धर्म
त्वचा और बाल
- खुजली
- समयपूर्व बाल सफ़ेद होना
औषधीय उपयोग और स्वास्थ्य लाभ
कासीस भस्म (Kasis Bhasma) मुख्य रूप से रक्त, गर्भाशय, यकृत, प्लीहा, पेट और आंतों पर कार्य करता है। इसलिए, इन अंगों से संबंधित रोगों के लिए लाभप्रद है। यहां कासीस भस्म के कुछ महत्वपूर्ण औषधीय उपयोग और स्वास्थ्य लाभ बताये गए हैं।
लौह-अल्पताजन्य रक्ताल्पता
कासीस भस्म लोह से समृद्ध होती है। कासीस भस्म के निर्माण की प्रक्रिया में उच्च तापमान पर निस्तापन किया जाता है और एलो वेरा जेल के साथ घोंटा जाता है। यह हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है और अत्यधिक थकान, कमजोरी, पीली त्वचा, अक्सर होने वाले संक्रमण, सिर में भारीपन और चक्कर आने के लक्षणों को कम करता है। ये सभी लक्षण तब प्रकट होते हैं जब किसी व्यक्ति में लोहे की कमी होती है।
रजोरोध
कासीस भस्म प्राथमिक और माध्यमिक रजोरोध के लिए एक अच्छा आयुर्वेदिक उपाय है। दोनों ही मामलों में, यह आर्तवजनक के रूप में कार्य करता है, इसलिए यह मासिक धर्म के प्रवाह को बढ़ावा देता है। कासीस भस्म का प्रभाव पहले 15 दिनों में ही दिखाई पड़ता है। यदि 15 दिनों के बाद भी किसी महिला को मासिक धर्म नहीं हो रहा है, तो उसे कुछ उन्नत आयुर्वेदिक औषधियों की आवश्यकता हो सकती है। इसमें हल्के आर्तवजनक प्रभाव होते हैं। इसके आर्तवजनक प्रभाव को बढ़ाने के लिए कासीस भस्म का उपयोग हींग के साथ किया जाता है।
कासीसादि वटी (रज: प्रवर्तिनी वटी) एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसके मुख्य घटक कासीस भस्म और हींग होते हैं। इसका उपयोग रजोरोध में भी किया जाता है।
कष्टार्तव
कासीस भस्म में आक्षेपनाशक गुण होते हैं जिसके कारण यह झिल्लीदार कष्टार्तव में बहुत उपयोगी है। यह मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करता है। आपको इसे निर्धारित तिथि से 7 दिन पहले शुरू करने की आवश्यकता हो सकती है और इसे तीन मासिक चक्रों के लिए दोहरा सकते हैं। आपको इसे मासिक धर्म चक्र के पूरा होने के बाद रोकना चाहिए।
असामान्य मासिक धर्म
कुछ रोगियों में असामान्य और हल्की माहवारी की समस्या होती है। कासीस भस्म असामान्य मासिक धर्म के लिए एक अच्छा उपाय है। इसका उपयोग उसी तरह किया जाना चाहिए जैसा की कष्टार्तव के शीर्षक के तहत बताया गया है।
वसीय यकृत
कासीस भस्म शरीर में वसा और कोलेस्ट्रॉल कम कर देता है। यह यकृत से वसा को भी कम करता है, इसलिए यह वसीय यकृत सिंड्रोम के लिए लाभदायक है। यह यकृत में पित्त स्राव को प्रेरित करके भूख को बढ़ाता है।
मात्रा एवं सेवन विधि (Dosage)
कासीस भस्म की सामान्य औषधीय मात्रा व खुराक इस प्रकार है:
औषधीय मात्रा (Dosage)
वयस्क | 125 मिलीग्राम से 375 मिलीग्राम |
सेवन विधि
दवा लेने का उचित समय (कब लें?) | खाना खाने के तुरंत बाद लें |
दिन में कितनी बार लें? | 2 बार – सुबह और शाम |
अनुपान (किस के साथ लें?) | शहद के साथ |
उपचार की अवधि (कितने समय तक लें) | चिकित्सक की सलाह लें |
सावधानी और दुष्प्रभाव
हालांकि, अधिकतर लोगों में कासीस भस्म (Kasis Bhasma) अच्छी तरह से सहनीय है, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में निम्नलिखित दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
- मतली
- उल्टी
- सिर में चक्कर
फेरस सल्फेट के साथ होने वाले अन्य दुष्प्रभावों जैसे पेट की खराबी, श्वास लेने में कठिनाई, कब्ज या दस्त को कासीस भस्म के उपयोग के साथ नहीं बताया जाता है।
गर्भावस्था और स्तनपान
कासीस भस्म के आर्तवजनक प्रभावों के कारण, यह संभवतया गर्भावस्था और स्तनपान में असुरक्षित है।
विपरीत संकेत (Contraindications)
आपको निम्नलिखित मामलों में कासीस भस्म का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- लौह सल्फेट से एलर्जी
- व्रण
- सव्रण बृहदांत्रशोथ
- सव्रण बृहदान्त्र
- रक्तलायी रक्ताल्पता
सूचना स्रोत (Original Article)
- Kasis Bhasma Benefits, Uses, Dosage & Side Effects – AYURTIMES.COM