कासीस गोदन्ती भस्म के लाभ, औषधीय प्रयोग, मात्रा एवं दुष्प्रभाव
कासीस गोदन्ती भस्म (Kasis Godanti Bhasma) एक खनिज आधारित आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग मलेरिया, तीव्र ज्वर, जीर्ण ज्वर, प्लीहावर्धन, श्वेत प्रदर और भूख ना लगने पर किया जाता है।
कासीस गोदन्ती भस्म का मुख्य रूप से मलेरिया में उपयोग किया जाता है। इसके उपयोग से ज्वर का ताप और जाड़ा लगना कम हो जाता है। यह असामान्य मासिक धर्म और कष्टार्तव में भी लाभप्रद है।
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घटक द्रव्य
इसमें मुख्यतः दो प्रमुख यौगिक हैं:
- कासीस
- गोदन्ती
इसे आक और एलो वेरा के पत्तों के साथ संसाधित किया जाता है।
औषधीय गुण
कासीस गोदन्ती भस्म में निम्नलिखित उपचार के गुण हैं।
- ज्वरनाशक
- हेमाटोजेनिक
- पाचन उत्तेजक
- आर्तवजनक
- ऐंठन-नाशक
- मलेरिया-रोधी
चिकित्सीय संकेत
कासीस गोदन्ती भस्म का उपयोग चिकित्सीय रूप से निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों में किया जाता है।
- ज्वर
- मलेरिया ज्वर
- श्वेत प्रदर
- भूख ना लगना
- प्लीहा वृद्धि
- असामान्य मासिक धर्म
- कष्टार्तव
औषधीय उपयोग और लाभ
कासीस गोदन्ती भस्म का उपयोग ज्वरों में किया जाता है, विशेषकर मौसमी संक्रामक ज्वर या ठण्ड के साथ आने वाले मलेरिया ज्वर में। इसमें सौम्य जीवाणुरोधी या विषाणु-विरोधी गुण होते हैं। यह मस्तिष्क के थर्मो-रेगुलेटरी केंद्र पर काम कर सकता है और ज्वर को कम कर सकता है। संक्रमण से लड़ने के लिए, रोगी को अन्य औषधियों की भी आवश्यकता होती है। यह ज्वरनाशक प्रभावों के लिए एसिटामिनोफेन का एक सुरक्षित आयुर्वेदिक विकल्प है।
ज्वरनाशक – ज्वर कम करता है
कासीस गोदन्ती भस्म में ज्वरनाशक गुण होते हैं, इसलिए इसका उपयोग सभी प्रकार के ज्वरों में शरीर के तापमान को कम करने के लिए किया जाता है। इस उद्देश्य के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बूढ़े और कमजोर लोगों में इसका उपयोग करते हैं। यह कोई तीव्र औषधि नहीं है और अगर इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में किया जाता है तो इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।
मलेरिया में, यह ठंड और बुखार को कम कर देता है। इसमें मलेरिया विरोधी गुण भी होते हैं जिसके कारण यह मलेरिया परजीवी संक्रमण को भी कम कर देता है। इसे मलेरिया में ज्वर की वृद्धि को रोकने के लिए 4 घंटे के अंतराल पर दिया जाता है।
प्लीहा वृद्धि – (मलेरिया के बाद बढ़ा हुआ प्लीहा)
कासीस गोदन्ती भस्म (Kasis Godanti Bhasma) बढ़े हुए आकार की तिल्ली के आकार को कम करने में सहायक है। इस मामले में इसे अमृतारिष्ट के साथ दिया जाता है।
मात्रा एवं सेवन विधि (Dosage)
कासीस गोदन्ती भस्म की सामान्य औषधीय मात्रा व खुराक इस प्रकार है:
औषधीय मात्रा (Dosage)
वयस्क | 125 मिलीग्राम से 375 मिलीग्राम |
अधिकतम संभावित खुराक | 1500 मिलीग्राम प्रति दिन (विभाजित मात्रा में) |
सेवन विधि
दवा लेने का उचित समय (कब लें?) | खाना खाने के तुरंत बाद लें |
दिन में कितनी बार लें? | 2 बार – सुबह और शाम |
अनुपान (किस के साथ लें?) | अदरक के रस या शहद के साथ |
उपचार की अवधि (कितने समय तक लें) | चिकित्सक की सलाह लें |
सावधानी और दुष्प्रभाव
कासीस गोदन्ती भस्म अच्छी तरह सहनीय है और ज्यादातर लोगों के लिए संभवतः सुरक्षित है। हालांकि, कुछ लोगों में निम्नलिखित दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
- मतली (दुर्लभ)
- उल्टी (बहुत दुर्लभ)
- चक्कर (बहुत दुर्लभ)
गर्भावस्था और स्तनपान
कासीस गोदन्ती भस्म गर्भावस्था और स्तनपान में संभवतः सुरक्षित है। आयुर्वेदिक चिकित्सक गर्भावस्था में ज्वर आने पर इसका उपयोग नियमित रूप से करते हैं।
विपरीत संकेत
हालांकि, कासीस गोदन्ती भस्म के कोई विपरीत संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन यकृत विकारों में आपको इसे अधिक मात्रा (प्रति दिन 1500 मिलीग्राम से अधिक) में नहीं लेना चाहिए।
औषधियों की पारस्परिक क्रिया
कासीस गोदन्ती भस्म के साथ अन्य औषधियों की पारस्परिक क्रिया की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। अधिक जानकारी के लिए आपको आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।