पेट सफा
पेट सफा (Pet Saffa) एक आयुर्वेदिक रेचक दवा है जो कब्ज के इलाज के लिए उपयोगी है। यह कब्ज के कारण होने वाली बीमारियों की रोकथाम के इलाज के लिए भी प्रयोग किया जाता है। आम तौर पर, बवासीर, सख्त मल, गुदा में दरार या परिकर्तिका (anal fissure), आदि कब्ज के कारण रोगों होने वाले रोग है। इन सब रोगों के उपचार के लिए पेट सफा उत्तम औषधि है। इसके इलाबा इस में अनुलोमन, दीपन और पाचन गुण भी है अर्थात यह उदर से मल और गैस को बाहर निकालने में सहायक है, जठराग्नि को प्रदिप्त करता है और पाचन शक्ति बढाने वाली उत्तम औषधि है।
Contents
घटक द्रव्य
100 ग्राम पेट सफा (Pet Saffa) में निम्नलिखित घटक द्रव्यों है:
घटक द्रव्यों के नाम | मात्रा |
सनाय की पत्तियाँ | 35 ग्राम |
काला नमक (Black Salt) | 12 ग्राम |
अजवाइन (Carom Seeds) | 10 ग्राम |
इसबगोल (Plantago Ovata) | 8 ग्राम |
त्रिफला (Triphala) चूर्ण (हरड़, बहेड़ा, आँवला) | 9 ग्राम |
सेंधा नमक | 5 ग्राम |
सज्जी क्षार – सोडियम बाइकार्बोनेट | 3 ग्राम |
हरीतकी | 3 ग्राम |
अमलतास का गूदा | 3 ग्राम |
सौंफ (Fennel Seeds) | 3 ग्राम |
सोंठ | 3 ग्राम |
निशोथ (त्रिवृत) | 2.8 ग्राम |
जीरा (Cumin Seeds) | 2 ग्राम |
एरंड का तेल (अरण्डी का तेल) | 1 ग्राम |
औषधीय कर्म (Medicinal Actions)
पेट सफा (Pet Saffa) में निम्नलिखित औषधीय गुण है:
- रेचक (उत्तेजक)
- क्षुधावर्धक – भूख बढ़ाने वाला
- पाचन – पाचन शक्ति बढाने वाली
- अनुलोमन – उदर से मल और गैस को बाहर निकालने वाला
- दीपन – जठराग्नि को प्रदिप्त करता है
चिकित्सकीय संकेत (Indications)
पेट सफा निम्नलिखित व्याधियों में लाभकारी है:
- कब्ज
- शुष्क और कठिन मल
- अनियमित मल त्याग
- मुश्किल से होने वाला मल त्याग
- शुष्क और कठिन मल से होने वाले परिकर्तिका या अर्श रोग
औषधीय लाभ एवं प्रयोग
पेट सफा एक प्राकृतिक रेचक है। सनाय की पत्तियाँ में सेनॉइड्स (Sennosides) होते है जो सनाय के रेचक गुण के लिए जिम्मेदार हैं।
आम तौर पर, सनाय युक्त उत्पादों नई कब्ज के लिए प्रयोग करना उत्तम माना जाता है। इसके कुछ दिनों के प्रयोग से कब्ज दूर होती है और मल त्याग प्रक्रिया नियमित बनती है।
पेट सफा पुरानी कब्ज के इलाज के लिए भी अन्य अन्य दवाओं के साथ प्रारंभिक 3 से 7 दिनों के लिए प्रयोग में लिया जा सकता है। हालांकि पुरानी कब्ज के इलाज के लिए आहार में परिवर्तन कारण भी अनिवार्य है। पेट सफा का पुरानी कब्ज में लंबी अवधि के प्रयोग को प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए।
आहार संशोधनों भी जीर्ण कब्ज के इलाज के लिए आवश्यक हैं। इसके अलावा, आयुर्वेदिक दवाओं जो आंतों को शक्ति प्रदान करे और जिगर का कार्य ठीक करे, उनका प्रयोग भी साथ में करना आवश्यक हैं। इन औषधिओं में सामिल है – अभ्रक भस्म, आरोग्यवर्धिनी वटी, भृंगराजसव, द्राक्षासव और कुमार्यासव आदि। हालांकि, इन दवाओं के लाभदायक प्रभाव कुछ दिनों के बाद दिखाई देते हैं। इस बीच, पेट सफा का प्रयोग करना त्वरित राहत प्रदान करता हैं।
मात्रा एवं सेवन विधि (Dosage)
पेट सफा की सामान्य औषधीय मात्रा व खुराक इस प्रकार है:
औषधीय मात्रा (Dosage)
बच्चे (10 साल से ऊपर) | 50 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम वजन; लेकिन प्रति दिन 2.5 ग्राम अधिक नहीं होनी चाहिए |
वयस्क | 5 से 10 ग्राम (1 से 2 चम्मच) |
सेवन विधि
दवा लेने का उचित समय (कब लें?) | सोने से पहले |
दिन में कितनी बार लें? | 1 बार – रात्रि को |
अनुपान (किस के साथ लें?) | गुनगुने पानी के साथ |
उपचार की अवधि (कितने समय तक लें) | चिकित्सक की सलाह लें |
आप के स्वास्थ्य अनुकूल पेट सफा की उचित मात्रा के लिए आप अपने चिकित्सक की सलाह लें।
दुष्प्रभाव (Side Effects)
यदि पेट सफा का प्रयोग व सेवन निर्धारित मात्रा (खुराक) में चिकित्सा पर्यवेक्षक के अंतर्गत किया जाए तो पेट सफा के कोई दुष्परिणाम नहीं मिलते। अधिक मात्रा में पेट सफा के निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते है:
- पेट में दर्द या हल्के ऐंठन
- ढीला मल या दस्त
- पेट की परेशानी
गर्भावस्था और स्तनपान
गर्भावस्था और स्तनपान दौरान पेट सफा का प्रयोग करने से पहिले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। अच्छा होगा कि गर्भवती महिला इसका प्रयोग ना करे। कब्ज के इलाज के लिए गुलकंद और इसबगोल गर्भवती महिलाओं के लिए बेहतर विकल्प है।
मतभेद
निम्नलिखित रोगों में पेट सफा का उपयोग नहीं करना चाहिए:
- अनियंत्रित उच्च रक्त – पेट सफा में नमक हैं
- उच्च पोटेशियम के स्तर – पेट सफा में सनाय की पत्तियाँ हैं जो पोटेशियम का स्तर बढ़ा सकती हैं
- पेट में दर्द
- गंभीर ऐंठन
- दस्त