आयुर्वेदिक प्रोप्राइटरी मेडिसिन

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के लाभ, प्रयोग, मात्रा और दुष्प्रभाव

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल (Patanjali Ashwashila Capsules) के प्रमुख घटक अश्वगंधा और शिलाजीत हैं। इस औषधि के ये दोनों ही घटक शरीर और मस्तिष्क को बल प्रदान करते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी सुधार करते हैं। चिकित्सकीय रूप से अश्वशिला कैप्सूल थकान, तनाव, शारीरिक दुर्बलता, यौन कमजोरी, जोड़ों के दर्द, ऑस्टियोआर्थराइटिस, मधुमेह तंत्रिकाविकृति और मूत्र संबंधी विकारों के लिए लाभदायक हैं।

अश्वगंधा और शिलाजीत (जो अश्वशिला के मुख्य घटक हैं) का प्रयोग पुरुषो में यौन कमजोरी को दूर करने के लिए किया जाता रहा हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायता करती हैं जिससे शरीर में ताकत आती हैं, इसके अलावा यह मधुमेह और अस्थमा जैसी बिमारियों की रोकथाम करने लिए भी एक अद्भुत प्राकृतिक औषधि हैं। पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल थकान, कमजोरी, तनाव, पुराने गठिया रोग को दूर करने में भी सहायक हैं। अश्वशिला के दोनों घटक हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता हैं। पुरुषों और महिलाओं में बांझपन के उपचार के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता हैं।

Contents

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के घटक

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल निम्नलिखित घटको से मिल कर बनाये जाते हैं:-

घटक द्रव्य मात्रा
अश्वगंधा सत्त – Withania Somnifera 200 मिलीग्राम
शिलाजीत (Shilajit) 200 मिलीग्राम

औषधीय कर्म (Medicinal Actions)

अश्वशिला कैप्सूल की औषधीय क्रियाऐं उसके अवयवों पर आधारित हैं – अश्वगंधा और शिलाजीत को मुख्य रूप से उनकी अनुकूलन, कामोत्तेजक और कायाकल्प क्रियाओं के लिए उपयोग किया जाता है।

अश्वशिला कैप्सूल में निम्नलिखित औषधीय गुण हैं।

  • अडाप्टोजेनिक
  • कामोद्दीपक
  • थकान मिटाने वाला
  • रसायन (कायाकल्प)
  • शुक्रजनन
  • वैकल्पिक
  • गठिया – विरोधी
  • अवसाद (डिप्रेशन) – विरोधी
  • मधुमेह निवारक
  • सूजन – विरोधी
  • प्रतिउपचायक – एंटीऑक्सीडेंट
  • तनाव हर
  • ह्रदय की रक्षा करने वाला
  • प्रतिरक्षा बढ़ाने वाला
  • सौम्य दमा (अस्थमा) नाशक
  • सौम्य उच्चरक्तचापरोधी
  • गर्भाशय शक्तिवर्धक औषधि

आयुर्वेदिक गुण

अश्वशिला कैप्सूल का प्रभाव उष्ण होता है। इस औषधि के दोनों अवयवों का स्वाद तिक्त एवम कटु और प्रभाव उष्ण होता है। इसलिए इसे बढ़े हुए या बिगड़े हुए वात और कफ विकारों के लिए सबसे अधिक उपयुक्त माना जाता है। वात विकारों से ग्रसित रोगी इसे गर्म दूध के साथ और कफ दोष (Kapha Dosha) वाले रोगी गर्म पानी के साथ ले सकते हैं।

हालांकि, अश्वगंधा में उपचायक (एनाबॉलिक) क्रिया होती है, जिसके कारण शरीर के वजन में वृद्धि भी हो सकती हैं। वजन कम होने की स्थिति में शिलाजीत लाभ देती हैं। इसलिए, अगर इस औषधि को गर्म पानी के साथ लिया जाए तो मोटापे की स्थिति में दोनों घटक एक-दूसरे के प्रभाव को संतुलित करने की प्रतिक्रिया कर सकते है।

चिकित्सीय संकेत

स्वास्थ्य की निम्नलिखित स्थितियों में अश्वशिला कैप्सूल लाभदायक होता हैं।

  • थकान
  • तनाव
  • शारीरिक कमजोरी
  • यौन कमजोरी
  • शराब छोड़ने से व्यग्रता
  • अल्पशुक्राणुता
  • जोड़ों में दर्द
  • अस्थिसंधिशोथ (ऑस्टियोआर्थराइटिस)
  • गठिया
  • मधुमेह तंत्रिकाविकृति
  • कमजोर रोगप्रतिरोधक क्षमता
  • मूत्र विकार

अश्वशिला के लाभ एवं प्रयोग

अश्वशिला कैप्सूल का मुख्य प्रभाव मस्तिष्क, प्रजनन अंगों, मांसपेशियों और जोड़ों पर दिखाई देता है। यह मस्तिष्क सम्बन्धी विकारों, वात विकारों और प्रजनन प्रणाली के रोगों के लिए लाभदायक हैं।

थकान

थकान के कई कारण होते हैं। जब आप नींद की कमी, शारीरिक गतिविधि की कमी या अत्यधिक शारीरिक गतिविधि, रक्ताल्पता, चिंता, अवसाद, मधुमेह, तनाव और शराब के इस्तेमाल के कारण थकान का अनुभव करते है तो इन सभी स्थितियों में अश्वशिला कैप्सूल अच्छी तरह से काम करता है। यह आपकी नींद में सुधार करता हैं और शरीर को मजबूत बनाता है।

अश्वशिला कैप्सूल के दोनों ही घटक थकान को कम करते हैं। शिलाजीत क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (सीएफएस) (जीर्ण थकान लक्षण) के लिए एक प्रभावी उपाय भी है। शिलाजीत क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (सीएफएस) (जीर्ण थकान लक्षण) में होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर देता है और माइटोकॉंड्रियल विकारों को रोकता है।

अश्वगंधा में एक शक्तिशाली थकान मिटाने वाली विशेषता है। इससे एरोबिक क्षमता और शारीरिक सहनशक्ति बढ़ जाती है।

अश्वशिला कैप्सूल शिलाजीत और अश्वगंधा का एक उत्तम संयोजन है जो इसे थकान और क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (सीएफएस) (जीर्ण थकान लक्षण) के लिए अधिक शक्तिशाली और प्रभावी उपाय बनाता है।

तनाव

अश्वगंधा मूल सत्त में तनाव दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं। यह तनाव के प्रति प्रतिरोध को सुधारता है और तनाव को भी कम करता है।

अश्वशिला में शिलाजीत अश्वगंधा के लिए सहायक औषधि की तरह कार्य करता है और इसकी तनाव-विरोधी क्षमता में सुधार करता है।

शराब छोड़ने से व्यग्रता

अश्वगंधा और शिलाजीत का संयोजन शराब छोड़ने से होने वाली व्यग्रता के लिए एक प्रभावी उपाय है। यह नशे की लत के खिलाफ काम करता हैं। अश्वगंधा शरीर में सेरोटोनिन और गामा-एमिनोब्युटिक एसिड (जीएबीए) के स्तर को बढ़ा देता हैं और शिलाजीत डोपामाइन पर काम करता है। यह संयोजन शरीर की शराब पर निर्भरता को कम करता है और शराब छोड़ने से होने वाली व्यग्रता को कम करने में मदद करता है।

शारीरिक कमजोरी

अश्वगंधा और शिलाजीत दोनों ही शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और उसकी सहन शक्ति को बढ़ाते हैं। इसलिए, अश्वशिला कैप्सूल शारीरिक कमजोरी को कम करता है।

अल्पशुक्राणुता

शिलाजीत में शुक्राणु क्षमता होती है। यह शुक्राणु उत्पादन को उत्तेजित करता है और इस प्रकार शुक्राणुओं की संख्या में भी सुधार करता है।

इसी तरह, अश्वगंधा मूल सत्त भी शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाता है। यह वीर्य की मात्रा को बढ़ाता है, शुक्राणु गतिशीलता में सुधार करता है, सीरम टेस्टोस्टेरोन स्तर और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) बढ़ाता है।

अश्वशिला कैप्सूल दोनों का संयोजन है, इसलिए कम शुक्राणुओं की संख्या वाले मरीजों के लिए यह बहुत प्रभावी औषधि है।

पुरुषों के लिए लाभदायक

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल पुरुषों के यौन कमजोरी को दूर के लिए सबसे अच्छी और प्राकृतिक औषधि हैं, इसके अलावा पुरुषो के यौन रोगों जैसे शीघ्रपतन, स्वप्नदोष इत्यादि को भी दूर करने में यह औषधि लाभदायक हैं। पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल मे मौजूद अश्वगंधा और शिलाजीत दोनों का पुरुषों की यौन कमजोरी को दूर करने के लिए प्राचीन काल से ही प्रयोग किया जाता रहा हैं। यह एक असरदार यौन बूस्टर के रूप में काम करता हैं और पुरुषों में यौन अंगों के सामान्य काम को करने के लिए उत्तेजित करता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने के लिए

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए सबसे अच्छी औषधि हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से शरीर में रोग कम होते हैं और रोगों से बचने में सहायता मिलती है। इसमें मौजूद अश्वगंधा हड्डियां को मजबूत बनाता हैं।

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल शरीर के बल को बढ़ाता हैं और शरीर को पोषक तत्व सही मात्रा में उपलब्ध करता हैं इसके अलावा यह कोशिकायों को उत्तेजित करता हैं व शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता हैं। स्त्रियां भी सामान्य कमजोरी में इसका सेवन कर सकती हैं।

कमर दर्द, जोड़ो के दर्द और शरीर के दर्द

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल पुराने गठिये जैसे रोगों को दूर करने में बहुत लाभदायक हैं। इसके अलावा यह कमर दर्द, जोड़ो के दर्द और शरीर के दर्द की रोकथाम में मदद करता हैं।

थकावट, खांसी, अस्थमा, संक्रमण और मूत्र संबंधी रोगों आदि से भी यह राहत देने में सहायक हैं। इस औषधि में शिलाजीत होता हैं जो पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल को एंटी-ऑक्सीडेंट बनाता हैं और शिलाजीत पुराना मधुमेह की रोकथाम में भी सहायक हैं।

अश्वशिला कैप्सूल की मात्रा

बच्चे एक कैप्सूल दिन में दो बार
वयस्क एक से दो कैप्सूल दिन में दो बार
अधिकतम संभावित खुराक ** 4 कैप्सूल प्रति दिन (विभाजित मात्रा में)
** अश्वशिला कैप्सूल का अधिकतम खुराक एक सामान्य अनुमान है।

अश्वशिला कैप्सूल को कैसे लें

खुराक (मुझे इसे कितनी बार लेना चाहिए?) एक दिन में दो बार
सही समय (मुझे इसे कब लेना चाहिए?) भोजन के 30 मिनट पहले या भोजन करने के 2 घंटे बाद
सह-औषध पानी या दूध; विशेषतः गर्म दूध

सुरक्षा प्रोफाइल

अश्वशिला कैप्सूल का प्रयोग व सेवन निर्धारित मात्रा (खुराक) में चिकित्सा पर्यवेक्षक के अंतर्गत करना काफी सुरक्षित माना जाता है।

शेल्फ लाइफ और समाप्ति तिथि निर्माण के 2 साल बाद
समाप्ति तिथि (खोलने के बाद) लागू नहीं

अश्वशिला कैप्सूल दुष्प्रभाव

निर्धारित मात्रा (खुराक) में औषधि लेने से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। उच्च खुराक (प्रतिदिन 4 कैप्सूल से अधिक) शिलाजीत और अश्वगंधा के समान दुष्प्रभावों का कारण बन सकती है, जो हैं:

  1. पैरों में जलन का एहसास
  2. हाथ और पैरों में अधिक गर्मी अनुभव करना
  3. शरीर में अत्यधिक गर्मी उत्तेजना

गर्भावस्था और स्तनपान

गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए अश्वशिला कैप्सूल की सुरक्षा प्रोफ़ाइल अच्छी तरह से स्थापित नहीं है। हालांकि, गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान दोनों अवयव संभवतः सुरक्षित होते हैं। गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान अश्वशिला कैप्सूल का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करें।

संदर्भ

  1. Ashwashila Capsule Benefits, Dosage And Side Effects

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