दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ
दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ (Divya Peedantak Kwath) उन रोगियों के लिए लाभदायक हैं जो गठिये के रोग से पीड़ित हैं। गठिया एक ऐसी बीमारी हैं जो जोड़ो को प्रभावित करती हैं और इस रोग में जोड़ो के दर्द के साथ साथ उसमे सूजन आ जाती हैं और हड्डिया कठोर हो जाती हैं। गठिया जैसी बीमारी में आयुर्वेदिक दवाईया एक बेहतरीन उपाय हैं। दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ एक ऐसी औषधि हैं जिसे जो बिभिन जड़ी-बूटियों का मिश्रण हैं और काढ़ा बना कर इसका सेवन किया जाता हैं। इसके अलावा यह दवा जोड़ो के दर्द, कमर दर्द और अन्य दर्दो की रोकथाम के लिए भी अत्यंत उपयोगी हैं। यह औषधि पूरी तरह से आयुर्वेदिक और हर्बल हैं और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नही हैं।
Contents
दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ के घटक
दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ निम्नलिखित घटको का मिश्रण हैं:
- अजवायन
- पारिजात पत्र
- बिनौला
- वाच
- अमलतास
- कतसरिया
- चव्य
- सौंफ
- निर्गुन्डी
- सोंठ
- अश्वगंधा
- पुनर्नवा
- देवदारु
- गोखरू
- शतावर
- गिलोय
- बड़ी कटेली
- नागरमोथा
- कुटज
- पीपल छोटी
- हरड़
- अतीस मीठा
- वारियर
दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ के लाभ एवं उपयोग
गठिये के लिए लाभदायक
दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ हड्डियों और जोड़ो को मजबूत बनाने में सहायता करती हैं और गठिये के रोगियों के लिए जोड़ो के दर्द में लाभदायक हैं खास कर की बृद्ध लोगो के लिए जिन्हें उम्र के बढ़ने के साथ साथ हड्डियों में कैल्शियम की कमी के कारण इस तकलीफ का सामना करना पड़ता हैं। यह औषधि से जोड़ो की अकडन और सूजन को कम भी करती हैं।
किसी भी तरह के शारीरिक दर्द के लिए
यह औषधि न केवल जोड़ो के दर्द बल्कि शरीर में होने किसी भी तरह के दर्द में राहत प्रदान करती हैं जैसे कमर में दर्द, सिर दर्द, बाजु में दर्द इत्यादि।
खून की कमी के लिए
दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ शरीर में किसी भी कारण से हुई खून की कमी या अनीमिया को पूरा करने में सहायक हैं।
इम्युनिटी बढाती हैं
यह औषधि इम्युनिटी बढ़ने में उपयोगी हैं, इसमें पाये जाने वाले हर्ब्स जोड़ो का पूरी तरह से पोषण करते हैं और इन्हें मजबूत बनाने में सहायक हैं।
इन सब रोगों के अलावा इस औषधि का प्रयोग बबासीर,दाद और सर्वाइकल जैसे रोगों में किया जा सकता हैं। इसमें प्रयोग होने वाली कुदरती जड़ी बूटियां इन रोगों की रोकथाम करने में सहयोगी हैं।
औषधीय मात्रा निर्धारण एवं व्यवस्था
400 मिलीलीटर पानी में पाँच से दस ग्राम दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ पाउडर डालें और उसे पकाएं, इसे तब तक पकाएं जब तक की यह मिश्रण 100 मिलीलीटर न रह जाये। अब इस मिश्रण को अच्छे से छान लें और इसे पिये। दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ का सेवन दिन में दो बार करना चाहिए 1) सुबह उठ कर खाली पेट 2) रात के खाने से एक घंटे पहले
दुष्प्रभाव
दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ में प्रयोग होने वाली जड़ी-बूटियां पूरी तरह से हर्बल हैं,इस औषधि का कोई साइड इफ़ेक्ट नही हैं और इसके सेवन से शरीर को कोई नुकान नही पहुँचता। इस औषधि का प्रयोग दिए हुए निर्देशो के अनुसार करना चाहिए और इसके बाद भी कोई समस्या हो,तो तुरंत डॉक्टर की राय लेनी चाहिए।