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दिव्य अश्मरीहर रस

दिव्य अश्मरीहर रस (Divya Ashmarihar Ras) को गुर्दे की समस्याओं की रोकथाम के लिए बनाया गया हैं और गुर्दे की पथरी के लिए यह उपयुक्त प्राकृतिक उपचार हैं। यह प्राकृतिक तरीके से गुर्दे की पथरी को गलाता हैं और मूत्र मार्ग से इसे शरीर से बाहर निकलने में भी मदद करता हैं। गुर्दे की पथरी निकालने के लिए बाजार में और भी बहुत सी प्राकृतिक औषधियां उपलब्ध हैं पर दिव्य अश्मरीहर रस उनमे से सबसे अधिक असरकारक हैं। वैसे तो गुर्दे की पथरी को निकलने के लिए आपरेशन की सलाह दी जाती हैं जिसे कराना बहुत ही जटिल हैं और उसके बाद कई समस्याएं होती हैं, इसलिए जिन लोगो को यह समस्या हैं उन्हें इस औषधि का उपयोग एक बार अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा यह औषधि गुर्दे के संक्रमण और सूजन को दूर करने के लिए भी सहायक हैं।

Contents

दिव्य अश्मरीहर रस के घटक

दिव्य अश्मरीहर रस निम्नलिखित घटको का मिश्रण हैं :

घटक द्रव्य मात्रा
यवकक्षर 350  मिलीग्राम
हज़रूल-यहूद 200 मिलीग्राम
मूलाक्षर 250 मिलीग्राम
श्वेत परपति 150 मिलीग्राम
कलमी शोरा 50 मिलीग्राम

लाभ एवं उपयोग

  1. दिव्य अश्मरीहर रस गुर्दे की पथरी के लिए प्राकृतिक औषधि हैं जो बिना किसी दर्द के गुर्दे की पथरी को गलाने और उसे बाहर निकालने में मदद करती हैं। आपरेशन से इस पथरी को निकलवाने से कई समस्याएं हो सकती हैं पर इस औषधि के सेवन से कोई दुष्प्रभाव नही होता।
  2. गुर्दे में पथरी होने से दर्द और अन्य समस्याएं होती हैं पर दिव्य अश्मरीहर रस के नियमित सेवन से मूत्र त्यागते समय खारिश और जलन जैसी कोई समस्या नही होती।
  3. इस औषधि से किडनी की समस्याओ से मुक्ति मिलती हैं, इसके अलावा यह किडनी से हानिकारक तत्वो को बाहर निकालता हैं और कैल्शियम और बाकि एजेंट्स जिनसे पथरी बनती हैं उन्हें भी बाहर निकालने में मदद करता हैं।
  4. दिव्य अश्मरीहर रस एक अद्भुत हर्बल औषधि हैं जो किडनी को अपना काम करने में सहायता करती हैं और खून को साफ़ करने में भी सहायक हैं इसके अलावा यह किडनी को पोषक तत्व प्रदान करती हैं जिससे किडनी स्वस्थ रहती हैं।
  5. मूत्र संबंधी समस्यायों को भी यह औषधि दूर करने में सहायक हैं जैसे मूत्र त्यागते समय होने वाली दर्द ,जलन और खारिश।

औषधीय मात्रा निर्धारण एवं व्यवस्था

दिव्य अश्मरीहर रस के एक से दो ग्राम मात्रा का दिन में दो से तीन बार सेवन करना चाहिए, इसकी मात्रा पथरी के साइज पर भी निर्भर करती हैं। सुबह के समय खाली पेट और शाम को खाना खाने के एक से दो घंटे पहले इसका सेवन करना लाभदायक हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करना चाहिए और इसको लेने की कोई समय सीमा नही हैं ज्यादा समय तक इसके सेवन से कोई हानि नहीं होती।

दुष्प्रभाव

दिव्य अश्मरीहर रस प्राकृतिक औषधियों से मिल कर बनायीं गयी हैं इसका कोई दुष्प्रभाव नही हैं। इसका सेवन बनाये गए निर्देशो के अनुसार या डॉक्टर के निर्देशो के अनुसार ही करना चाहिए। गर्भबती महिलाये या स्तनपान करने वाली माताएं इसका प्रयोग कर सकती हैं क्योंकि इसका सेवन शरीर के लिए हानिकारक नही हैं।

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