दिव्य गैसहर चूर्ण
गैस एक ऐसी बीमारी हैं जो गलत खाने पीने और गलत ज़िन्दगी जीने के तरीके से होती हैं, पर अगर इसका सही से इलाज़ न हो तो यह बीमारी पूरी उम्र परेशान करती हैं। इस बीमारी को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका हैं -दिव्य गैसहर चूर्ण। दिव्य गैसहर चूर्ण (Divya Gashar Churna) पूरी तरह से आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बनाया गया हैं जिसमे अजवायन, काली मिर्च, हरड़, जीरा और हींग जैसे घटक हैं जो गैस की रोकथाम के लिए बहुत उपयोगी हैं इसके अलावा यह चूर्ण पाचन शक्ति बढ़ाने, पेट दर्द, पेट के भारीपन, एसिडिटी और अम्लता जैसे रोगों के लिए भी रामबाण औषधि हैं।
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दिव्य गैसहर चूर्ण के घटक
दिव्य गैसहर चूर्ण निम्नलिखित घटको को मिल कर बनाया जाता हैं:-
घटक द्रव्य | मात्रा |
अजवायन | 30 ग्राम |
मिर्च काली | 10 ग्राम |
काला नमक | 10 ग्राम |
हरड छोटी | 20 ग्राम |
जीरा | 15 ग्राम |
मीठा सोडा | 5 ग्राम |
नौसादर | 5 ग्राम |
नीम्बुसत | 3 ग्राम |
हींग शुद्ध | 2 ग्राम |
गैसहर चूर्ण लाभ एवं उपयोग
दिव्य गैसहर चूर्ण भोजन की पचाने में सहायक हैं सहायता करता हैं इसे बनाया ही इसी के लिए गया हैं, इसका मतलव यह हैं की यह चूर्ण एसिडिटी और ह्रदय में जलन जैसी बिमारियों की रोकथाम करने में भी बहुत उपयोगी हैं।
दिव्य गैसहर चूर्ण ऐसी जड़ी-बूटियों से बनाया गया हैं जो कब्ज और दस्त दोनों की रोकथाम के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक औषधि हैं।
यह पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए उपयोगी हैं और भोजन को पचाने में मदद करता हैं जिससे की गैस जैसी बीमारी से मुक्ति मिलती हैं।
दिव्य गैसहर चूर्ण पेट में गैस नही बनने देता जिससे पेट में भारीपन नही रहता और पेट साफ़ रहता हैं।
इन बिमारियों के अलावा दिव्य गैसहर चूर्ण अम्लता, पेट दर्द और पेट से सम्बंधित बिकारो को भी दूर करता हैं। इसके नियमित रूप से सेवन करने से पेट से सम्बंधित सब रोग दूर होते हैं।
औषधीय मात्रा निर्धारण एवं व्यवस्था
दिव्य गैसहर चूर्ण का एक चम्मच दिन में दो बार सेवन करने की सलाह दी जाती हैं। इसका सेवन दिन में दो बार खाना खाने के बाद या जब गैस की तकलीफ हो उस समय करना चाहिए। इसे गर्म पानी के साथ खाना चाहिए या फिर इसका सेवन डॉक्टर के निर्देशो के अनुसार करना चाहिए। इसके अलावा इसको लेने की कोई समय सीमा नही हैं, इसका सेवन नियमित रूप से करना चाहिए इसका कोई दुष्प्रभाव नही होता।
दुष्प्रभाव
दिव्य गैसहर चूर्ण पूरी तरह से आयुर्वेदिक औषधि हैं और इसमें मौजूद जड़ी-बूटियां हर्बल हैं जिनका कोई साइड इफ़ेक्ट नही हैं। दिए हुए निर्देशो के अनुसार इसका नियमित रूप से प्रयोग करने से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नही हैं। गर्भबती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं भी इसका सेवन कर सकती हैं क्योंकि यह शरीर को कोई नुकसान नही पहुंचाता।
पूर्वापाय
- खाने के पूरी तरह पचाने के लिए दिन में दो बार सैर करनी चाहिए।
- जिन लोगो को गैस की तकलीफ हो, उन्हें रात को सोने से दो घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए।
- चाय, कॉफ़ी और अल्कोहल का सेवन कम से कम करना चाहिए।